एनडीए से अलग हुए सहयोगियों के कारण बीजेपी चिंतित

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को तीन राज्यों में हार का सामना करना पड़ा है। वहीं, एनडीए में शामिल कई सहयोगी दल अब बीजेपी के खिलाफ खुलकर बोलने लगे हैं, जिसके वजह से पार्टी की मुसीबतें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। बिहार में उपेद्र कुशवाहा के अलग होने के बाद लोजपा के तीखे तेवर को देखते हुए बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा की एक सीट पर उम्मीदवारी देने का वादा कर शांत कराया। जबकि यूपी में बीजेपी की भी परेशानी बढ़ती दिखाई देने लगी है। सहयोगी दल मान-सम्मान की बात करने लगे हैं। कई तरफ से उठ रही आवाजों के बीच बीजेपी के महासचिव राम माधव ने प्लान बी के संकेत दिए हैं।

अलग हुए सहयोगियों के कारण बीजेपी चिंतित
एनडीए से अलग हुए सहयोगियों के कारण बीजेपी चिंतित

बीजेपी इन सहयोगियों के एनडीए से अलग होने के बाद होने वाले नुकसान की भरपाई करने की कोशिश में जुटी है। राम माधव के एक बयान से इसके संकेत मिलते दिखाई दे रहे हैं। राम माधव ने कहा, ‘ ये सच है कि उपेंद्र कुशवाहा और कुछ अन्य छोटे दल हमसे अलग हुए हैं, लेकिन हम नए सहयोगियों को अपने साथ लाने की दिशा में काम कर रहे हैं। खासकर, साउथ और पूर्वी भारत में हम इसपर काम कर रहे हैं, गठबंधन की राजनीति एक समायोजन का काम करती है।’

बीजेपी ने बनाया प्लान बी

दरअसल, लोकसभा चुनावों से पहले तीन दलों ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया। चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने मार्च में बीजेपी का साथ छोड़ दिया, तो महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी ने अगस्त में साथ छोड़ दिया। इसके बाद कुछ दिनों पहले ही उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए से अलग होने का फैसला किया। हाल ही में रामविलास पासवान के साथ विवाद को पार्टी ने अधिक सीटें देकर सुलझाया, तो यूपी में बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल ने कहा कि उन्हें उचित सम्मान नहीं मिल रहा है और वे सभी सरकारी कार्यक्रमों से खुद को अलग रखेंगे जबतक केंद्र उनकी शिकायतों पर गौर नहीं करता।

नए साथियों को एनडीए में शामिल करने पर बीजेपी कर रही काम

हालांकि राम माधव ने बीजेपी के नए सहयोगियों का नाम नहीं लिया लेकिन तमिलनाडु में सत्ताधारी AIADMK के साथ गठबंधन की संभावना जताई जा रही है। खासकर चेन्नई के दौरे पर पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किए जाने के बाद ये अटकलें तेज हो गई हैं। जबकि एक्टर रजनीकांत के भी बीजेपी के साथ जाने को लेकर अटकलें काफी पहले से लगाई जा रही हैं।

दक्षिण और पूर्वी भारत में सहयोगियों की तलाश

तेलंगाना के सीएम केसीआर गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेस गठबंधन की कोशिश में जुटे हैं, जबकि कांग्रेस लगातार उन्हें बीजेपी की टीम बी कहती रही है। ओडिशा में बीजेपी-कांग्रेस से बराबर दूरी बनाए रखने वाले नवीन पटनायक ने हाल ही में भाजपा को मुद्दों पर आधारित समर्थन दिया था। राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए वोटिंग के दौरान पीएम मोदी ने नवीन पटनायक को कॉल किया था, उस वक्त बीजद के 8 वोटों ने सरकार की काफी मदद की थी।