स्पिनरों के फिरकी के जादू के बाद बल्लेबाजों के उम्दा प्रदर्शन से ऑस्ट्रेलिया ने यहां सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम में एकतरफा फाइनल में इंग्लैंड को आठ विकेट से हराकर चौथी बार महिला विश्व टी20 खिताब जीत लिया। लगातार पांचवीं बार फाइनल में खेल रहे ऑस्ट्रेलिया ने ऑफ स्पिनर एशलेग गार्डनर (22 रन पर तीन विकेट) व लेग स्पिनर जार्जिया वेयरहैम (11 रन पर दो विकेट) की बदौलत इंग्लैंड को 19.4 ओवर में 105 रन पर ढेर कर दिया।
बता दें कि इंग्लैंड की महिला क्रिकेट टीम को 2009 के पहले ही सीजन में खिताब अपने नाम कर लिया था, लेकिन उसके बाद 2012 टी-20 विश्व कप व 2014 टी-20 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम ने इंग्लैंड का फिर से चैंपियन बनने का सपना तोड़ दिया था। अब एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के इस सपने को तोड़ दिया है।
तेज गेंदबाज मेगन शूट ने भी 13 रन देकर दो विकेट चटकाए। ऑस्ट्रेलिया ने इसके जवाब में 44 रन तक दोनों सलामी बल्लेबाजों एलिसा हीली (22) व बेथ मूनी (14) के विकेट गंवा दिए थे लेकिन गार्डनर (नाबाद 33) व कप्तान मेग लेनिंग (नाबाद 28) के बीच तीसरे विकेट की 62 रन की अटूट गठबंधन की बदौलत 15.1 ओवर में ही टीम ने दो विकेट पर 106 रन बनाकर सरल जीत दर्ज की।
गार्डनर को उनके ऑलराउंडर प्रदर्शन के लिए ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया जबकि विकेटकीपर बल्लेबाज एलिसा को ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ चुना गया। एलिसा ने टूर्नामेंट में सर्वाधिक 225 रन बनाने के अतिरिक्त चार स्टंपिंग व चार कैच से आठ शिकार भी किए। टूर्नामेंट में उनसे अधिक शिकार सिर्फ हिंदुस्तान की तानिया भाटिया ही कर सकी जिन्होंने दो कैच व नौ स्टंपिंग से 11 शिकार किए।
ऑस्ट्रेलिया को कभी किसी महिला विश्व क्रिकेट चैंपियनशिप के फाइनल में इंग्लैंड के विरूद्ध शिकस्त का सामना नहीं करना पड़ा है व यहां भी यह रिकॉर्ड बरकार रहा है। इंग्लैंड को इस क्रम को तोड़ने के लिए अब कम से कम 2020 में होने वाली अगली विश्व चैंपियनिशप का इंतजार करना होगा। सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम में खेल गया यह फाइनल 2014 में बांग्लादेश के मीरपुर में खेले गए विश्व टी20 फाइनल की बहुत ज्यादा हद तक पुनरावृत्ति रहा। मीरपुर में भी इंग्लैंड की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवर में आठ विकेट पर 105 रन ही बना सकी थी व तब भी ऑस्ट्रेलिया ने 15.1 ओवर में चार विकेट पर 106 रन बनाकर जीत दर्ज की थी।
इससे पहले इंग्लैंड की ओर से सलामी बल्लेबाज डेनियल व्याट (43) व कप्तान हीथर नाइट (25) ही ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों का टिककर सामना कर सकीं। डेनियल व हीथर के अतिरिक्त इंग्लैंड की व कोई बल्लेबाज दोहरे अंक तक नहीं पहुंच पाई जिससे इंग्लैंड का दूसरी बार विश्व टी20 खिताब जीतने का सपना टूट गया। इंग्लैंड ने 2009 में अपनी सरजमीं पर हुए पहले महिला विश्व टी20 का खिताब फाइनल में न्यूजीलैंड को हराकर जीता था।
इंग्लैंड ने हिंदुस्तान को हराकर बनाई थी फाइनल में जगह
महिला टी-20 वर्ल्ड कप में अभी तक एकतरफा शानदार प्रदर्शन करने के बाद हिंदुस्तान को इंग्लैंड के हाथों सेमीफाइनल में पराजय का सामना करना पड़ा था। इंग्लैंड ने हिंदुस्तान को 8 विकेट से मात देकर फाइनल में अपनी स्थान बनाई थी। इंडियन क्रिकेट टीम ने महिला टी-20 वर्ल्ड कप में खेले गए सेमीफाइनल मैच में इंग्लैंड को 113 रनों का लक्ष्य दिया था। सर विवियन रिचर्डस स्टेडियम में शुक्रवार (23 नवंबर) को मैच में हिंदुस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 19.3 ओवरों में अपने सभी विकेट गंवाकर 112 रनों का स्कोर खड़ा किया था। इंग्लैंड की टीम में इस लक्ष्य को दो विकेट के नुकसान पर 17.1 ओवर में ही हासिल कर लिया। एमी जोन्स (45 गेंदों पर नाबाद 53) व नताली साइवर (40 गेंदों पर नाबाद 52) ने तीसरे विकेट के लिए 92 रन की अटूट गठबंधन की।
वेस्टइंडीज को हराकर फाइनल में पहुंची थी ऑस्ट्रेलिया
अपनी गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन के दम पर ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम ने वेस्टइंडीज को 71 रनों से हराकर महिला टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में प्रवेश किया था। ऑस्ट्रेलिया ने पिछले टी-20 वर्ल्ड कप के खिताबी मुकाबले में वेस्टइंडीज से मिली पराजय का बदला भी पूरा कर लिया था। टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया ने निर्धारित ओवरों में पांच विकेट के नुकसान पर 142 रन बनाए थे। इसे लक्ष्य को वेस्टइंडीज की टीम हासिल नहीं कर पाई व 71 रनों पर ही सिमट गई थी।