ऐप्पल द्वारा बीती तिमही में कमाई का अनुमान घटाने की एक वजह चीनी बाज़ार में आईफ़ोन की बिक्री में कमी आना है. ऐप्पल की इस चेतावनी के बाद अमरीका के मुख्य बाज़ारों में भी गिरावट देखी गई. तकनीकी कंपनियों वाला नैसडेक सूचकांक 3.1 फीसदी गिरकर बंद हुआ है. ऐप्पल बीते वर्ष अगस्त में ही संसार की पहली हजार अरब (एक ट्रिलियन) डॉलर की कंपनी बनी थी. उसने दूसरी बड़ी कंपनियों जैसे अमेजॉन, माइक्रोसॉफ्ट व फेसबुक को पछाड़ते हुए हजार अरब का आंकड़ा छुआ था.
ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि कंपनी ने अपने पिछले तीन महीने के अच्छे प्रदर्शन की रिपोर्ट पेश की थी जिसे उसके शेयरों में उछाल देखने को मिला था. मगर अब ऐप्पल के शेयरों में आई इस भारी गिरावट को कुछ विश्लेषक छोटी झटका मान रहें हैं तो कुछ इसे कंपनी के लिए बड़ी तबाही कह रहे हैं. मगर अब कंपनी के नए आईफ़ोन की बिक्री में आई गिरावट इसकी मुख्य वजह है. आईफोन उपभोक्ता पहले बाज़ार में लॉन्च होने वाले नए आईफोन को खरीदने के लिए उत्सुक रहते थे.
आईफोन का नया मॉडल लॉन्च होते ही कंपनी के शोरूम के बाहर लाइनें लग जाती थीं. लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है. बीबीसी के तकनीक संवाददाता डेव ली कहते हैं, “आज के दौर के मोबाइल फोन की गुणवत्ता की वजह से हम फ़ोन का नया मॉडल ख़रीदने के लिए बहुत उत्सुक नहीं रहते हैं. अब नया आईफोन एक हजार डॉलर तक का हो गया है.” लेकिन ऐसा नहीं है कि ऐप्पल को नए आईफोन की ठंडी बिक्री का अंदाजा नहीं था. यही वजह है कि ऐप्पल ने कई अन्य क्षेत्रों में भी आगे बढ़ने के कोशिश किए हैं.
आज सेवा, सेहत व फिटनेस एरिया में ऐप्पल ने उल्लेखनीय तरक्की की है. ऐप्पल सेवा एरिया से ही उतना पैसा कमा लेती है जितना फेसबुक की कुल कमायी है. डेव ली कहते हैं, “इसलिए ये कहना गलत होगा कि ऐप्पल कंपनी कठिन में है.“लेकिन दूसरी ओर चाइना की अर्थव्यवस्था गिर रही है व यही वजह है कि चीनी मार्केट में आईफोन कम बिक रहे हैं.
चाइना की अर्थव्यवस्था में जिस तेजी से गिरावट आई है उसका अंदाजा न ही ऐप्पल लगा सकी है व न ही कोई और. चाइना व अमरीका के बीच व्यापारिक तनाव भी ऐप्पल को हुए नुक़सान की एक वजह है. ऐप्पल के सीईओ टिम कुक इसके लिए अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को जिम्मेदार मानते हैं. टिम कुक ने कंपनी के शेयरधारकों से बोला था, ‘व्यापार युद्ध का प्रभाव अब दिखन लगा है व इससे ग्राहकों का भरोसा डगमगा रहा है.‘ ऐप्पल को भले ही बहुत भारी नुक़सान हुआ हो लेकिन इस कंपनी की तिजोरियां अभी भी भरी हुई हैं व बहुत संभव है कि ऐप्पल किसी व एरिया में अपनी कोई व नयी शाखा खड़ी कर दे. इस कपंनी के पास ऐसा करने के लिए पर्याप्त पैसा है.