एक और किसान ने दी जान, अब क्या करेगी सरकार

सिंघु बॉर्डर पर अधेड़ उम्र के इस किसान की आत्महत्या की खबर को शेयर करते हुए पत्रकार सचिन गुप्ता लिखते हैं’ब्रेकिंग : दिल्ली में सिंधु बॉर्डर पर धरने पर बैठे पंजाब में फतेहगढ़ के किसान अमरिंदर सिंह (40) ने जहर खाकर जान दी। कृषि बिल का विरोध करते-करते वह देश के लिए शहीद हो गए।’

हालांकि सरकार पूरी संवेदनशीलता दिखाकर अन्नदाताओं की जान बचा सकती है मगर अडानी और अंबानी के साथ सांठगांठ की मजबूरी दिखाते हुए सरकार अड़ियल रवैया अपनाए हुए है।

दरअसल लगभग 2 महीने से दिल्ली बॉर्डर के आसपास चल रहे किसान आंदोलन को सरकार भले ही गंभीरता से न ले रही हो मगर किसानों के लिए यह जीने मरने का सवाल है। शायद इसीलिए 50 से ज्यादा किसानों की जान चली जाने के बाद भी न भीड़ में कमी हो रही है और न ही उत्साह में।

सिंघु बॉर्डर पर अधेड़ उम्र के इस किसान की आत्महत्या की खबर को शेयर करते हुए पत्रकार सचिन गुप्ता लिखते हैं
‘ब्रेकिंग : दिल्ली में सिंधु बॉर्डर पर धरने पर बैठे पंजाब में फतेहगढ़ के किसान अमरिंदर सिंह (40) ने जहर खाकर जान दी। कृषि बिल का विरोध करते-करते वह देश के लिए शहीद हो गए।’

तारीख पर तारीख लगा रही सरकार के लोग भले ही तमाम सुख-सुविधाओं के साथ पांच सितारा होटलों और कमरे में बैठे हुए हों मगर ठंड में ठिठुरते किसानों में से कई ने इस संघर्ष के नाम अपनी शहादत दे दी है।

इसी कड़ी में आज एक और नाम जुड़ गया है- अमरिंदर सिंह का, जिन्होंने अनसुनी कर रही सरकार को जगाने के लिए आत्महत्या कर लिया है। 42 वर्षीय अमरिंदर सिंह पंजाब के फतेहगढ़ साहिब के रहने वाले थे। खबर के मुताबिक, उन्होंने ज़हर ले लिया था जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया मगर बचाया नहीं जा सका।