उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर हुआ ये बड़ा बदलाव , लड़ने से पहले जान ले ये बात

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अलीगढ़, हाथरस, आगरा, मथुरा, प्रयागराज, फतेहपुर, कानपुर देहात, गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, अयोध्या, सुलतानपुर, शाहजहांपुर, सिद्घार्थनगर, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, उन्नाव, भदोही और गौतमबुद्घनगर में जिला की सीट अनारक्षित है.

ग्राम प्रधानों के लिए 20,268 पद अनारक्षित हैं. महिला के लिए 9739, ओबीसी के लिए 15712, एससी के लिए 12045 तथा एसटी के लिए 330 सीट रिजर्व हैं. लखनऊ जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट एससी महिला के लिए और वाराणसी की टीम ओबीसी के लिए आरक्षित है. गोरखपुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कोई आरक्षण नहीं है. यह सामान्य सीट है.

प्रदेश के अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुखों की आरक्षण व्यवस्था जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस अधिसूचना के मुताबिक पंचायत अध्यक्ष के 27 पद अनरिजर्वड यानी अनारक्षित हैं, जबकि महिलाओं के लिए 12, ओबीसी के लिए 27 और एससी के लिए 16 पद रिजर्व किये गए हैं.

वहीं ब्लॉक प्रमुखों के 826 पदों में से 314 अनारक्षित हैं. महिलाओं के लिए 113, ओबीसी के लिए 223 और एससी के लिए 171 पद आरक्षित किये गए हैं. पहली बार एसटी के लिए पांच पद आरक्षित हैं.

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए जिलेवार जिला पंचायत अध्यक्षों की आरक्षण लिस्ट जारी कर दी गई है. जिला पंचायत अध्यक्ष की 27 सीटें ओबीसी, 16 सीटें एससी और 12 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं. वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष के 27 पद अनारक्षित यानी सामान्य रहेंगें.

शामली, बागपत, लखनऊ ,कौशांबी, सीतापुर, हरदोई जिला पंचायत अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है. बागपत और शामली में पहली बार अनुसूचित जाति वर्ग से कोई महिला जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हो सकेगी.