उत्तर प्रदेश में जेई ऐसे चला रहें बिजली के बिल संशोधन का घोटाला, 1.58 लाख का बिल हुआ मात्र 24 हजार

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में बिजली का बिल संशोधन करने के नाम पर एक उपभोक्ता से 15 हजार रुपये की घूस लेते विद्युत उपकेंद्र पर तैनात जेई छोटेलाल राम को एंटी करप्शन की टीम ने रंगेहाथ पकड़ लिया। पकड़े गए जेई के खिलाफ जीयनपुर कोतवाली में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराने के बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया।

क्या है मामला

जानकारी के मुताबिक, मामला आजमगढ़ के जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के अमुवारी नारायणपुर गांव का है। विद्युत उपकेंद्र अमुवारी नरायणपुर पर तैनात अवर अभियंता छोटे लाल द्वारा उपभोक्ताओं का बिल बढ़ाकर भेजने का काम करते थे। उसके बाद बिल को संशोधन के नाम पर धन उगाही करते थे। अमुवारी नरायणपुर गांव के टेकनगाढ़ा निवासी जगपत पुत्र स्व. रघुनाथ ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन गोरखपुर पहुंच कर उक्त अवर अभियंता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए कार्रवाई की गुहार लगायी थी। पीड़ित का आरोप था कि अवर अभियंता ने उसके वास्तविक 24 हजार रुपये के बिजली बिल को अपने आईडी से बढ़ाकर एक लाख 58 हजार 462 रुपये कर दिया।

 

संशोधन के नाम पर मांगे थे 15 हजार रुपये

वह जब बिल संशोधन कराने के लिए उक्त अवर अभियंता के पास गया तो उन्होंने रिश्वत के तौर पर उससे 15 हजार रुपये की मांग करते हुए उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की धमकी देने लगे। उसने डरकर किसी तरह से दस हजार रुपये जुटाकर अवर अभियंता को दिया और शेष पांच हजार रुपये बाद में देने के लिए समय मांगा। इधर पीड़ित उपभोक्ता ने सामाजिक संगठन प्रयास के अध्यक्ष रणजीत सिंह से मिलकर उन्हें अपनी पूरी बात बतायी। प्रयास संगठन के माध्यम से पीड़ित भ्रष्टाचार निवारण संगठन गोरखपुर के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचा।

 

एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा

पीड़ित की शिकायत पर एंटी करप्शन टीम ने शुक्रवार को पीड़ित को लेकर अमुवारी नरायणपुर विद्युत उपकेंद्र पर पहुंचे। पीड़ित ने जैसे ही अवर अभियंता छोटेलाल को रिश्वत का पांच हजार रुपये थमाया तभी टीम के अधिकारियों ने उन्हें रंगेहाथ पकड़ लिया। पकड़े गए जेई के खिलाफ जीयनपुर कोतवाली में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराने के बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया।