उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या पहुंची 77, पुलिस ने 175 को गिरफ्तार

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 77 पहुंच गई है। इस मामले में पुलिस ने शनिवार को 175 लोगों को गिरफ्तार किया है। माना जा रहा है कि जहरीली शराब पीने से मरने वालों की यह सबसे बड़ी घटना है। इस मामले में पुलिस लगातार अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। पुलिस ने अबतक कुल 92697 लीटर अवैध शराब जब्त कर ली है और 297 अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं।

जहरीली शराब पीने से मरने का सबसे पहला मामला गुरुवार को सामने आया था। जबकि शनिवार को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में 37 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई, वहीं कुशीनगर में 11 और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 31 लोगों की मौत हो गई । बलरामपुर और उत्तराखंड के जिलों में भी लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई है। माना जा रहा है कि यूपी के सहरानपुर और उत्तराखंड के हरिद्वार में एक ही जगह की बनी जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई है।

घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी बात की है और जहरीली शराब बनाने वालों की धरपकड़ की बात कही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आरोपियों को छोड़ेंगे नहीं। हम इसके मास्टरमाइंड पर फोकस कर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने आशंका जताई है कि समाजवादी पार्टी का इस घटना के पीछे हाथ हो सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले भी सपा नेताओं ने इस तरह की हरकत की है। आजमगढ़, हरदोई, कानपुर, बाराबंकी में सपा नेताओं का नाम सामने आया था, जब जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई थी। ऐसे में हम इस बार भी सपा नेताओं की भूमिका से इनकार नहीं कर सकते हैं।

जुलाई 2017 में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के चार महीने बाद और पिछले चार हफ्तों के भीतर कुल 74 लोगों की शराब पीने से अबतक मौत हो चुकी है। प्रदेश में कच्चा शराब सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। जो लोग वैध शराब खरीदने में सक्षम नहीं हैं वह कच्ची शराब पीते हैं। कच्ची शराब तैयार करने में गलत प्रक्रिया अपनाने की वजह से यह जहरीली हो जाती है।