किसान आंदोलन के बीच सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है। सरकार अभी भी इन तीनों कृषि कानूनों को किसानों के लिए बेहतर बताते हुए कानूनों की वकालत कर रही है।
कुछ दिन पहले राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानूनों को किसानों के लिए बेहतर बताते हुए कहा था कि अगर सरकार इसमें संशोधन करने के लिए तैयार है इसका मतलब यह नहीं कि इन कानूनों में कोई गलती है। साफ है सरकार अपनी जिद पर अड़ी है। वहीं, किसानों भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
उधर, किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को 2 अक्टूब तक का अल्टीमेटम दिया और कहा है कि सरकार दो अक्टूबर से पहले इन तीनों कृषि कानूनों को वापस ले ले।
उन्होंने कहा कि जब तक इन कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा किसान अपने घर नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन और तेज होगा। अब चार लाख नहीं बल्की 40 लाख ट्रैक्टर के साथ रैली निकाली जाएगी।
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर देशभर से आए किसान करीब ढाई महीने से डटे हुए हैं। किसानों की मांग है कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले और एमएसपी पर लीगल गारंटी दे।
किसान नेता राकेश टिकैत की अपील के बाद दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों के समर्थन में देश के अलग-अलग हिस्सों में किसान महापंचायतों का आयोजन किया जा रहा है।
अब तक उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, और राजस्थान समेत कई जगहों पर किसान महापंचायतों के आयोजन किए जा चुके हैं। किसान आंदोलन को धार में जुटे हुए हैं।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में आज किसान महापंचाय का आयोजन होना है। इस महापंचायत में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी हिस्सा लेंगी।
प्रियंका गांधी के सहारनपुर दौरे से पहले यहां पर धारा 144 लगा दी गई है। डीएम ने धारा 144 लगाने का आदेश जारी किया है। प्रशासन के मुताबिक, 5 अप्रैल तक जिले में धारा 144 लागू रहेगी।