उत्तराखंड में अचानक लोगो के साथ हो रही है ये भयानक घटना, देखकर लोगो में फैली दहशत

उत्तराखंड में मानसून की बारिश आफत भी ला रही है. भूस्खलन की वजह से केदारनाथ हाईवे अवरुद्ध हो गया. बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री यात्रा मार्ग सुचारु हैं.

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वहीं, पिथौरागढ़ में मकान के ध्वस्त होने से एक परिवार के तीन लोग घायल हो गए. देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर आदि मैदानी क्षेत्र में बारिश के दौरान लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ रहा है.

गुरुवार को कुमाऊं के अधिकतर स्थानों पर प्रातः काल बारिश का दौर फिर प्रारम्भ हुआ, वहीं, देहरादून, हरिद्वार के साथ ही गढ़वाल के अधिकतर स्थानों पर प्रातः काल बारिश थमी रही. दोपहर बारह बजे के बाद फिर से बारिश का दौर प्रारम्भ हुआ. चमोली में प्रातः काल हुई बारिश के चलते नंदप्रयाग के निकट सड़क पर मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे करीब आधे घंटे तक अवरुद्ध रहा. वहीं, बांसवाड़ा के निकट पहाड़ी दरकने से गौरीकुंड हाईवे अवरुद्ध हो गया. इससे केदारनाथ जाने और वापस लौटने वाले यात्रियों के साथ ही सड़क के दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई.

मकान ढहने से तीन लोग घायल

पिथौरागढ़ जिले में तहसील धारचूला के ग्राम पंचायत दुतीबगड़ के तोक गनागांव में गोविंद सिंह पुत्र धन सिंह का मकान भीषण वर्षा के दौरान ध्वस्त हो गया. घर में सो रहे गोविंद सिंह, उनकी पत्नी कमला  पुत्र घायल हो गए. घटना देर रात की है. ग्रामीण घायलो को छह किमी दूर जौलजीवी ले गए. जहां प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रडीडीहाट पहुंचाया गया. घायलों में कमला देवी को अधिक चोट है. मकान ध्वस्त होने से दो जानवर मलबे की चपेट में आने से घायल हो गए. वहीं, तीन बकरियों की मृत्यु हो गई है.तहसीलदार धारचूला के नेतृत्व में राजस्व टीम गांव पहुंच गई थी.

उत्तराखंड में भारी बारिश को लेकर अलर्ट

उत्तराखंड में मानसून की अगले तीन दिन मुसीबत बनकर बरस सकती है. मौसम विज्ञान केन्द्र ने प्रदेश के नौ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का हाईअलर्ट जारी किया है. प्रदेशआपातकालीन परिचालन केन्द्र ने प्रदेश के समस्त जिला अधिकारियों को बारिश के दौरान एहतियात बरतने की सलाह दी है. साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्र में आवागमन रोकने को बोला है.

पिछले 24 घंटे में मसूरी, देहरादून, टिहरी एवं उत्तरकाशी जिले में झमाझम बारिश हुई. इस दौरान सर्वाधिक बारिश मसूरी में 76.3 मिलीमीटर दर्ज की गई. देहरादून में 44.2 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई.

इस बीच देहरादून में रिस्पना एवं बिंदाल नदियां उफान पर रहीं. स्कूली बच्चों भारी बारिश के बीच ही स्कूल आना पड़ा. देहरादून का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 33.7, जबकि न्यूनतम तापमान 23.0 डिग्री सेल्सियस रहा.

मसूरी में मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित रहा. बारिश के कारण प्रातः काल एवं शाम को मसूरी में ठंड महसूस की जा रही है. उधर, भारी बारिश के कारण ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे कुमारखेड़ा के पास प्रातः काल सात से 10 बजे तक तीन घंटे अवरुद्ध रहा. वहीं, उत्तरकाशी जिले में चुंगीबड़ेथी में बुधवार के बंद हाईवे को गुरुवार की प्रातः काल खोल दिया गया.

मौसम विज्ञान केन्द्र देहरादून के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि 13 जुलाई तक प्रदेश में नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़, ऊधम सिंह नगर, चमोली, पौड़ी, टिहरी, देहरादून एवं हरिद्वार जिलों में भारी से भारी बारिश होने की आसार है.

कुमाऊं में बारिश का क्रम जारी

समूचे कुमाऊं मंडल में तेज बारिश जारी है. हल्द्वानी के काठगोदाम में मकान पर मलबा गिरने से एक महिला की मृत्यु हो गई  दो लोग घायल हैं. बागेश्वर में बारिश से दो मोटर मार्ग बंद, आम जनजीवन प्रभावित.

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पिथौरागढ़ में तवाघाट-सोबला  नारायण आश्रम मोटर मार्ग में मलबा आने से आवागमन ठप हो गया है. अल्मोड़ा और चंपावत में नदियों में सिल्ट के कारण पेयजल का गंभीर संकट पैदा हो गया है. नैनीताल में जोरदार बारिश से झील का जलस्तर बढ़ गया है.

मानसून के बाद भी प्रदेश में सामान्य से कम बारिश

उत्तराखंड में मानसून के सक्रिय होने के एक पखवाड़े बाद भी उत्तराखंड में बारिश सामान्य से 44 फीसद कम रही. तीन से 10 जुलाई के बीच एक हफ्ते में उत्तराखंड में सबसे कम बारिश हरिद्वार में जबकि सबसे अधिक बागेश्वर जिले में रिकार्ड की गई.

मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार उत्तराखंड में एक जून से 10 जुलाई करीब 40 दिनों के बीच प्री-मानसून और मानसून काल के दौरान बारिश सामान्य से 44 फीसद कम हुई. चालू हफ्ते में हरिद्वार में सामान्य से 56 फीसद कम बारिश हुई. प्रदेश में केवल तीन जिले बागेश्वर, टिहरी गढ़वाल और उधम सिंह नगर में बारिश सामान्य से अधिक हुई.

पहाड़ी जिले रुद्रप्रयाग में सामान्य से 28 फीसद कम, पौड़ी में 39 फीसद, चंपावत में 44 फीसद, अल्मोड़ा में 54  चमोली जिले में 55 फीसद कम बारिश रिकार्ड की गई. हालांकि 26 जून से तीन जुलाई तक बीते हफ्ते में उत्तराखंड में सामान्य से 73 फीसद कम बारिश हुई थी, जबकि चार से 10 जुलाई के बीच हफ्ते में सामान्य से कम बारिश का आंकड़ा गिरकर 22 फीसद तक पहुंच गया है. आगे आने वाले हफ्ते में इसमें  सुधार की आवश्यकता है. मौसम विज्ञान केन्द्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने इसकी पुष्टि की.