उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियल टूटने के बाद वैज्ञानिकों ने की ये बड़ी भविष्यवाणी, बताया ये खतरा

गौरतलब है कि रविवार को चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद धौलीगंगा में पानी का तेज बहाव आया. इसमें एनटीपीसी की प्रोजेक्ट साइट पर काम करने वाले कई लोग इसकी चपेट में आ गए.

वहीं कुछ लोग टनल में भी फंसे हुए हैं. इनके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है. राहत कार्य के लिए एसडीआरएफ सहित सेना भी लगी हुई. अब तक हादसे में 39 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए टनल को बीच से काटकर रास्ता बनाया जा रहा है.

उत्तराखंड के चमोली में रविवार को ग्लेशियल टूटने के बाद अभी स्थिति पूरी तरह सामान्य भी नहीं हुई है कि एक बड़ा खतरा मंडराने लगा है. न्यूज नेशन ने ऋषिगंगा पर एक कृत्रिम झील बनने का खुलासा किया था.

अब इस खुलासे पर वाडिया संस्थान के वैज्ञानिकों ने भी मुहर लगा दी है. तपोवन के पास रैणी गांव के ऊपर एक कृत्रिम झील बनने से पानी रुका हुआ है. अगर झील टूटती है कि तो रैणी सहित कई गांव इसकी चपेट में आ सकते हैं.

स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्लेशियर टूटने के बाद नंदादेवी नदी में कहीं पानी रुका हुआ है. सामान्य दिनों में नदी में जितना पानी रहता था, ग्लेशियल टूटने के बाद उससे काफी कम पानी है.