ईशनिंदा के आरोप में जेल में बंद पाकिस्तानी ईसाई आसिया बीबी ने छोड़ा देश

ईशनिंदा के आरोप में सालों तक जेल में बंद रही पाकिस्तानी ईसाई आसिया बीबी ने आख़िरकार देश छोड़ दिया है. आसिया बीबी के वकील सैफ़ उल मलूक ने बीबीसी को बताया कि वो 12 घंटे पहले कनाडा पहुंच गई हैं. बीते नवंबर में उनकी मौत की सज़ा को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था.

लेकिन माना जाता है कि रिहाई के बाद हिंसा की आशंका के चलते उन्हें ख़ुफ़िया एजेंसियों ने अपनी सुरक्षा में रखा था.

जब सज़ा रद्द करने का फ़ैसला आया था तो हज़ारों प्रदर्शनकारियों ने हिंसक प्रदर्शन किया था.

माना जा रहा है कि उनकी दो बेटियां पहले ही देश छोड़ कर कनाडा पहुंच चुकी हैं, जहां उन्हें शरण दिया गया है.

पड़ोसियों से झगड़े के दौरान 2009 में उन पर पैग़म्बर मोहम्मद का अपमान करने का आरोप लगा और साल 2010 में निचली अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी.

आसिया बीबी आठ साल जेल में रहीं. लेकिन पिछले साल पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत ने जब उन्हें निर्दोष क़रार देते हुए बरी किया तो इसके विरोध में पाकिस्तान में जगह-जगह बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हो गए थे.

एक झगड़े ने पकड़ा तूल

अपनी सुरक्षा के लिए फ़िक्रमंद आसिया के पति आशिक़ मसीह ने ब्रिटेन से उनके परिवार को शरण देने की अपील की थी.

पाकिस्तान में इस बहुचर्चित मुक़दमे में आसिया बीबी शुरू से ही ख़ुद को निर्दोष बताती रही हैं.

पाकिस्तान में ईशनिंदा एक बहुत संवेदनशील विषय रहा है. आलोचकों का कहना है कि इस क़ानून का ग़लत इस्तेमाल कर अक्सर अल्पसंख्यकों को फंसाया जाता है.

ये पूरा मामला 14 जून, 2009 का है जब एक दिन आसिया नूरीन अपने घर के पास फालसे के बग़ीचे में दूसरी महिलाओं के साथ काम करने पहुँचीं तो वहाँ उनका झगड़ा साथ काम करने वाली महिलाओं के साथ हुआ.

आसिया बीबी ने अपनी एक किताब में उस दिन का विस्तार से ज़िक्र भी किया है.