संशोधित नियमों के अनुसार, केंद्र सरकार चार वर्ष के कार्यकाल के बाद भी कैबिनेट सचिव को अधिकतम तीन महीने का काम विस्तार दे सकती है। नियम में परिवर्तन के तुरंत बाद सरकार ने सिन्हा को तीन महीने का काम विस्तार देने की घोषणा की है। इसके साथ ही सिन्हा कैबिनेट सचिव के तौर पर सबसे लंबे वक्त तक कार्य करने वाले देश के पहले नौकरशाह बन जाएंगे।
कैबिनेट सचिव देश के नौकरशाही का सर्वश्रेष्ठ पद होता है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की टीम में इस पद पर कार्यरत लोगों को खास तवज्जो मिलती है। एक पीएम मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार व कैबिनेट सचिव की टीम को ही पीएमओ के सबसे प्रभावशाली टीम के तौर देखा जाता है। ऐसे में प्रदीप कुमार सिन्हा के सेवानिवृत होने से टीम के संयोजन में परिवर्तन आ जाता, जबकि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले महीने ही दोबारा पीएम पद का कार्यभार संभाला है।
इसलिए तत्काल किसी बड़े परिवर्तन की ओर बढ़ने की तुलना में सिन्हा को तीसरी बार काम विस्तार दिया गया है, इससे पहले उनका कार्यकाल 2017 व 2018 में एक-एक वर्ष के लिए बढ़ाया गया था। कार्मिक मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आदेश के अनुसार, पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति मामलों की समिति ने 12 जून, 2019 के बाद सिन्हा को तीन महीने का काम विस्तार दिया है। सिन्हा को मई 2015 में दो वर्ष के लिए कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया था।
तीन महीने बाद कौन लेगा पीके सिन्हा की जगह?
केंद्रीय गृहसचिव राजीव गाबा, पीके सिन्हा के बाद अगले कैबिनेट सेक्रेटरी हो सकते हैं। गाबा ने केन्द्र सरकार के कई विभागों में कार्य किया है, व बिहार और झारखंड सरकार में कई पदों पर रह चुके हैं। बताया जा रहा है कि 31 अगस्त को गृह सचिव के रूप में उनका दो वर्ष का कार्यकाल समाप्त होगा। माना जा रहा है कि 1987 बैच के आईएएस ऑफीसर व जम्मू और कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम गाबा के बाद इस पद के लिए प्रमुख दावेदार हैं।
1982 बैच के आईएएस ऑफिसर गाबा की नियुक्ति अगर इस पद पर की जाती है तो वह दो वर्षों के लिए इस पद पर बने रहेंगे। हालांकि, आगे के दो वर्षों के लिए उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। अभी तक इस पद पर पीके सिन्हा हैं जिनकी नियुक्ति 2015 में की गई थी। बाद में 2017 व 2018 में उनके कार्यकाल को दो वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया था। पीके सिन्हा के पहले अजीत कुमार सेठ व केएम चंद्रशेखर दोनों चार-चार वर्ष के लिए इस पद पर रह चुके हैं। सेठ की नियुक्ति यूपीए ने 2011 में की थी, जिनका कार्यकाल 2014 तक बना रहा।