इस वर्ष इन बच्चों को मिलने वाले पुरस्कार पर मंडरा रहा खतरा

हर वर्ष राष्ट्र के उन बहादुर बच्चों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना वीरतापूर्वक किसी हालात का सामना किया है. इस वर्ष इन बच्चों को मिलने वाले पुरस्कार पर खतरा मंडरा रहा है क्योंकि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने (इंडियन काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर) आईसीसीडब्लयू पर वित्तिय धोखाधड़ी के कारण एफआईआर दर्ज करवाई है.

इससे पहले महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने खुद को इस एनजीओ से अलग कर लिया था. हालांकि गवर्नमेंट विजेताओं को भी समर्थन करेगी. मंत्रालय के अलग होने के बाद इस योजना को बदला जा रहा है  अब इसे पीएम राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के अंतकर्गत लाया जाएगा. ऐसा इसलिए किया जाएगा क्योंकि एनजीओ पर दिल्ली न्यायालय में मामला चल रहा है.

वर्ष 1957 से ही एनजीओ देशभर में बहादुरी का कार्य करने वाले बच्चों के नामों का चयन करते हुए पुरस्कार देती थी. इसमें केंद्र गवर्नमेंट योगदान करती थी  गणतंत्र दिवस की परेड में उक्त बहादुर बच्चों को शामिल किया जाता रहा है. पिछले 61 वर्षों में 963 बच्चों को राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. गवर्नमेंट की ओर से गणतंत्र दिवस परेड से पहले होनहार बच्चों को राष्ट्रपति और पीएम से मिलने का मौका मिलता था.

सरकार के योगदान के बगैर भी देते रहेंगे पुरस्कार

गीता का कहना है कि केंद्र गवर्नमेंट ने बेशक न्यायालय में वित्तीय अनियमतिता के केस के चलते  राष्ट्रीय  वीरता पुरस्कार 2018 में खुद को अलग कर लिया है, लेकिन एनजीओ बहादुर बच्चों को यह पुरस्कार देता रहेगा. गीता से जब उनके एनजीओ पर वित्तीय अनियमितता का सवाल पूछा गया तो बोला उनका कहना था कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है. इसलिए इस विषय में मैं कुछ नहीं कह सकती हूं.

विवाद के बाद भी परिषद 21 बहादुर बच्चों को देगी राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार

इंडियन बाल कल्याण परिषद (एनजीओ) 21 बहादुर बच्चों को राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार 2018 से सम्मानित करने जा रहा है. यह राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार 2018 एनजीओ की ओर से दिया जाने वाला पुरस्कार होगा, जिसमें गवर्नमेंट की कोई किरदार नहीं रहेगी. इंडियन बाल कल्याण परिषद की अध्यक्ष गीता सिद्धार्थ ने शुक्रवार को बहादुर बच्चों के नामों की घोषणा की. इसमें जम्मू व कश्मीर में आतंकियों से सीधा मुकाबला करने पर सेना के दो परिवारों के दो बच्चों गुरूगु हिमाप्रिया  सौम्यादीप जना को एनजीओ का सर्वोच्च हिंदुस्तान अवार्ड दिया जाएगा.