इस मुद्दे पर संसार में दूसरे पायदान पर है भारत, जानिए ये है वजह

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक संसार भर में शुद्ध अल्कोहल खपत में जबरदस्त इजाफा देखा जा रहा है.इस इजाफे में निम्न  मध्यम आय वाले राष्ट्रों की बड़ी हिस्सेदारी है. 2017 में प्रति आदमी सालाना अल्कोहल खपत वृद्धि मुद्दे में हिंदुस्तान वियतनाम के बाद दूसरे जगह पर है.

सर्वाधिक खपत वाला देश

मोलडोवा ऐसा देश है जहां के लोगों का विशुद्ध अल्कोहल खपत का सालाना स्तर 15 लीटर है. यह संसार में सर्वाधिक खपत का आंकड़ा है.

सबसे कम खपत

कुवैत ऐसा देश है जहां शुद्ध अल्कोहल की खपत सबसे कम 0.005 लीटर है.

छिनेगा यूरोप का ताज

अभी अल्कोहल खपत का यूरोप बेताज बादशाह है. लेकिन अध्ययनकर्ताओं के अनुसार संसार के दूसरे हिस्सों में अल्कोहल खपत की यह प्रवृत्ति 2030 तक जारी रह सकती है. तब यूरोप की बादशाहत छिन सकती है.

विकसित राष्ट्रों में लगी लगाम

अध्ययन के अनुसार स्पेन, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया सहित कई विकसित राष्ट्रों में लोगों ने अल्कोहल का प्रयोग कम कर दिया है. वहीं तेजी से विकास कीसीढ़ियां चढ़ रहे राष्ट्रों में खपत तेजी से बढ़ रही है. इसका एक कारण आय में इजाफे के साथ तनाव, चिंता या जीवनशैली में आता परिवर्तन भी होने कि सम्भावना है.

घटी परहेजियों की संख्या

1990 में संसार में 46 फीसद लोग ऐसे थे जो अल्कोहल से पूर्णत: परहेज करते थे, 2017 में ऐसे लोगों की संख्या 43 फीसद जा पहुंची.

खपत में वृद्धि-कमी: 2017 में औसतन सालाना प्रति आदमी अल्कोहल (लीटर में) की खपत  2010 के मुकाबले उसमें कमी या वृद्धि

ज्‍यादा शराब पीने के नुकसान

इसमें कोई रहस्‍य नहीं है कि शराब के सेवन से कई प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं हो सकती हैं जिसमें लीवर की बीमारी सिरोसिस  साथ ही सड़क यातायात दुर्घटनाओं में घायल होने की वजह पैदा कर सकता है. शोधकर्ताओं के अनुसार शराब का अधिक सेवन से 60 से अधिक बीमारियों के साथ जुड़ा होता है. यहां पर शराब से नुकसानों के बारे में बताया गया है.

डिमेंशिया यानी पागलपन

उम्र बढ़ने के साथ लोगों में औसत रूप से लगभग 1.9 फीसदी की दर से मस्तिष्क सिकुड़ता है. इसे सामान्य माना जाता है. लेकिन अधिक शराब पीने से मस्तिष्क के कुछ जरूरी हिस्सों में इस संकुचन की गति बढ़ जाती है जिसके कारण स्मृति हानि  डिमेंशिया के अन्य लक्षण दिखाई देते हैं.

एनीमिया

बहुत अधिक मात्रा में शराब पीने से ऑक्‍सीजन ले जाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं की संख्‍या असामान्‍य रूप से कम होने का कारण बनता है. इस अवस्‍था को एनीमिया कहते हैं, जिससे कारण थकान, सांस लेने में तकलीफ या सांस का उखड़ना जैसी समस्‍याएं देखने को मिलती हैं.

कैंसर

वैज्ञानिकों के अनुसार, खतरा तब  अधिक बढ़ जाता है जब शरीर में शराब एसीटैल्डिहाइड, ताकतवर कैसरजन में परिवर्तित हो जाता है. शराब के अधिक उपयोग से मुंह, गले, ग्रासनली, लीवर, स्तन, पेट  मलाशय के कैंसर होने का खतरा बहुत अधिक रहता हैं. कैंसर के खतरा उन लोगों को बहुत अधिक होता है जो बहुत अधिक शराब पीने के साथ तम्बाकू का सेवन भी करते हैं.

हृदय रोग

अधिक शराब पीने के कारण प्लेटलेट्स की ब्‍लड क्लॉट्स के रूप में जमा होने की आसार अधिक होती है जिसके कारण हार्ट अटैक या स्ट्रोक होने कि सम्भावना है. शोधकर्ताओं ने पाया कि ज्‍यादा शराब पीने वाले उन लोगों में मृत्यु का खतरा दोगुना हो जाता है, जिन्‍हें पहले हार्ट अटैक आ चुका है.

सोरायसिस

लीवर सेल्‍स के लिए शराब जहर के सामान है. अधिक शराब पाने वाले अनेक लोगों को सिरोसिस की शिकायत रहती हैं जो कि कभी-कभी खतरनाक हालत सिद्ध होती है. इस अवस्‍था में लीवर भारी होने के कारण काम करने में भी असमर्थ हो जाता है. लेकिन यह बताना मुश्किल होता है कि किस शराब पीने वाले को सिरोसिस होगा या नहीं.