देश की आधी आबादी यानी 60 करोड़ लोगों के पास पीने का पानी नहीं है व कई बड़े शहरों में ग्राउंडवॉटर केवल दो वर्ष में ख़त्म हो जाएगा। ये दशा देश के सामने एक बड़े जल-संकट जैसे होंगे। इन सब को देखते हुए केन्द्र व प्रदेश सरकार लगातार इस ओर अपना फोकस बढ़ा रही है। ऐसे में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के एक्सपर्ट्स की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। कुछ ऐसा ही दिल्ली के पांडव नगर में रहने वाले नीरज कुमार भी कर रहे है। पिछले पांच वर्ष से वह इस तरह के प्रोजेक्ट्स बना रहे है। वो ज्यादातर डीडीए, और रेजिडेंशियल सोसाइटी के प्रोजेक्ट करते हैं। इसके अतिरिक्त कई स्थान जाकर लोगों को वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए सलाह भी देते हैं। इन सब कामों कर नीरज लेते हैं।
बन गए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग एक्सपर्ट- नीरज पिछले पांच वर्ष से रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बाताया कि आरंभ में वो कनवेंशनल (पुराने) ढंग से प्रोजेक्ट बनाते थे। इसमें एक पाइप को जमीन में बोरिंग करके डाला जाता था। बिल्डिंग में इस प्रोजेक्ट पर कुल खर्च 10-12 लाख रुपये आता था, लेकिन अब चीजें बदल गई है। वैसे मॉड्युलर रेन हार्वेस्टिंग होती है। इस टेक्नोलॉजी पर खर्च घटकर 8-9 लाख रुपए आ गया है। हालांकि, नीरज बताते हैं कि उन्होंने इसकी कोई पढ़ाई नहीं की है। ये सब जानकारी एक्सपीयरेंस के आधार पर आई है। वैसे इसके जरिए वह सालाना 6 लाख रुपये तक की कमाई कर लेते हैं।
यहां मिलेगी शुरुआती जानकारी
दिल्ली में सेंटर फॉर साइंस एंड इन्वॉयरमेंट इसके लिए पांच दिन का सर्टिफिकेट कोर्स करता हैं। इस न्यायालय में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की प्लानिंग, डिजाइनिंग और कई अहम चीजें बताई जाती हैं। इस कोर्स की फीस 8800 रुपये हैं। आप भी इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं।