इस देश में सेना ने तख्तापलट नेताओं को किया कैद, देख अमेरिका ने किया विरोध

साकी ने कहा कि अमेरिका हालिया चुनाव के नतीजों को पलटने के प्रयास या म्यामां में लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता के हस्तांतरण को रोकने के कदम का विरोध करता है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इन कदमों को वापस नहीं लिया गया तो अमेरिका इसके लिये जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।

साकी ने कहा, ”हमलोग स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और म्यामां के लोगों के साथ हैं जिन्होंने लोकतंत्र एवं शांति के लिए पहले ही काफी कुछ झेला है।”

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी सू ची तथा अन्य नेताओं को सेना द्वारा हिरासत में लेने की कड़ी निंदा की तथा सत्ता सेना के हाथों में जाने पर चिंता जताई।

साकी ने कहा, ”अमेरिका म्यामां के लोकतांत्रिक प्रतिष्ठानों के प्रति अपना मजबूत समर्थन जताता है और क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ तालमेल से सेना और अन्य सभी पक्षों से लोकतांत्रिक मूल्यों तथा कानून के शासन को मानने तथा आज हिरासत में लिये गये लोगों को रिहा करने का अनुरोध करता है।” उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने राष्ट्रपति जो बाइडन को स्थिति से अवगत कराया है।

मीडिया में आयी खबरों के अनुसार सेना के स्वामित्व वाले टेलीविजन चैनल ‘मायवाडी टीवी’ पर सोमवार सुबह यह घोषणा की गयी कि सेना ने एक साल के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है।

मीडिया में आयी खबरों में सत्तारूढ़ नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के प्रवक्ता के हवाले से कहा गया कि सोमवार सुबह म्यामां की नेता सू ची और सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है।

व्हाइट की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, ”बर्मा की सेना ने देश में कायम हुए लोकतंत्र को कमतर करने के कदम उठाए हैं। इन खबरों से अमेरिका चिंतित है। यहां तक कि स्टेट काउंसर आंग सान सू ची एवं अन्य अधिकारियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।”

एक फरवरी म्यामां में सेना के तख्तापलट करने और स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची समेत देश के शीर्ष नेताओं को सोमवार को हिरासत लेने के कदम से चिंतित अमेरिका ने कहा है कि वह स्थिति पर करीब से नजर बनाये हुए है। साथ ही अमेरिका ने धमकी दी कि अगर देश में लोकतंत्र को बहाल करने के लिए सही कदम नहीं उठाये गये तो वह कार्रवाई करेगा।