चीन के इस दावे की हवा कुछ ही देर में निकल गई. चीन के दावा करने के कुछ समय बाद ही ब्रिटेन के ग्लासगो यूनिवर्सिटी के एक विशेषज्ञ डेविड राबर्ट्सन ने डेली मेल के कहा कि चीनी शोध बहुत दोषपूर्ण है यह कोरोना वायरस के बारे में हमारी समझ में जरा भी वृद्धि नहीं करता है.
ऐसा पहली बार नहीं है जब चीन ने वुहान की बजाय कोरोना वायरस के लिए अन्य देशों पर उंगली उठाई है. चीन ने बिना सबूतों के ही इटली अमेरिका पर कोरोना वायरस को फैलाने का आरोप लगाया है. चीनी वैज्ञानिकों ने भारत पर यह आरोप ऐसे समय पर लगाया है.
चीनी वैज्ञानिकों ने दावा किया है पानी की कमी के कारण जंगली जानवर जैसे बंदर पानी के लिए अक्सर बुरी तरह से लड़ पड़ते हैं इससे निश्चित रूप से इंसान जंगली जानवरों के बीच संपर्क का खतरा बढ़ गया होगा.
इसकी के बाद वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे कि पशुओं से इंसान में कोरोना वायरस के फैलने का संबंध असामान्य गर्मी की वजह से है. इसके बाद चीनी वैज्ञानिकों ने यह भी दावा किया कि भारत के खराब स्वास्थ्य सिस्टम युवा आबादी की वजह से यह बीमारी कई महीनों तक यूं ही बिना पहचान में आए फैलती रही. बता दें कि चीन के वुहान में दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था
कोरोना वायरस को लेकर चीन ने एक बार फिर दुनिया के सामने झूठ फैलाना शुरू कर दिया है. पहले चीन के वैज्ञानिकों ने दावा किया कि वुहान में कोविड-19 के फैलने से पहले यह महमारी इटली समेत दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल चुकी थी. अब चीन के एक वैज्ञानिक ने लद्दाख में चल रहे तनाव के बीच आरोप लगाया है कि कोरोना वायरस भारत से पहली बार