इन दो देशो के बीच शुरू हुआ युद्ध, अमेरिका- रूस कर रहा रोकने की कोशिश , जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर सकते…

रूसी विमान आर्मीनिया में लैंड कर चुके हैं। जरूरत पड़ने पर इन्हें अजरबैजान के खिलाफ इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि, इस पर आर्मीनिया या रूस ने कुछ नहीं कहा पर रूस तुर्की का धुर विरोधी है और आर्मीनिया में अब भी रूस का सिक्का चलता है। ऐसे में तुर्की आगे बढ़ा तो रूस का उतरना तय है।

 

ईरान भी शिया देश है और अजरबैजान भी लेकिन दोनों शिया देशों में 36 का आंकड़ा है। इसलिए आर्मीनिया की मदद के लिए भेजे गए इन सैन्य ट्रकों से किसी को हैरानी नहीं है। हालांकि ईरान अभी खुलकर सामने नहीं आया है, लेकिन युद्ध बढ़ता है तो ईरान खुलकर आर्मीनिया के समर्थन में उतर सकता है।

युद्ध में तुर्की शामिल आर्ट्सख के राष्ट्रपति आर्यक हरुतुयन जो मौजूदा युद्ध के लिए अजरबैजान और तुर्की को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। आर्मीनिया का आरोप है तुर्की के उकसावे पर अजरबैजान ने सोची समझी रणनीति के तहत हमला किया है।

भारी गोलाबारी के बीच सवाल पूछा जा रहा है कि क्या अब रूस की युद्ध में एंट्री होगी। अब तक तो ये दो देशों के बीच युद्ध है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि ये युद्ध फैल सकता है। संयुक्त राष्ट्र से लेकर अमेरिका और रूस जैसे देश इस मामले में सीज फायर की अपील कर चुके हैं, लेकिन मौजूदा हालात देख कर लगता नहीं की युद्ध जल्दी थमने वाला है।

आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच युद्ध दूसरे दिन भी जारी रहा। अमेरिका-रूस और संयुक्त राष्ट्र की अपील भी काम नहीं आई। आर्मीनिया का दावा है कि अजरबैजान के 22 टैंकों समेत 100 उपकरणों को उसने ध्वस्त कर दिया है, जिसमें ड्रोन भी शामिल हैं।