इस किसान के खेत में पैदा हुआ एक अजीब सा गोभी, जिसके वजन से दिखाया कमाल

राजस्थान का यह किसान किसी कृषि वैज्ञानिक से कम नहीं। अपने नवाचारों के दम पर तमाम पुरस्कार जीत चुका है। लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में ही नाम दर्ज नहीं करवाया बल्कि विश्व रिकॉर्ड तक कायम कर चुका है। अब गणतंत्र दिवस 2019 (70th republic day) के मौके पर इन्हें भारत के सबसे बड़े पुरस्कारों में से एक पद्मश्री (Padma Shri) से नवाजा गया है।

खेती में कमाल कर दिखाने वाले इस किसान का नाम जगदीश प्रसाद पारीक (Jagdis prasad pareek) है। 70 वर्षीय किसान जगदीश प्रसाद पारीक मूलरूप से राजस्थान के सीकर जिले के श्रीमाधोपुर उपखण्ड के गांव अजीतगढ़ के रहने वाले हैं। नवाचार और कीटनाश्क खेती कर जगदीश प्रसाद ने देश-विदेश में अंचल का नाम रोशन किया है।

पढ़ाई छोड़ संभाली खेती

किसान जगदीश पारीक का छोटे गांव अजीतगढ़ (Ajeetgarh Sikar) से पद्मश्री तक के सफर की शुरुआत 1970 से होती है। पिता के मौत हो जाने के बाद जगदीश के सामने परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारी आ गई। इन्होंने पढ़ाई छोड़ रोजगार करने की ठानी। कहीं और जाकर काम करने की बजाय खेती को चुना और खेती में भी गोभी उगान इन्हें ज्यादा मुनासिब लगा।

जगदीश प्रसाद ने गोभी उगाना शुरू किया तब गोभी का वजन लगभग आधा किलो से पौने एक किलो तक हुआ करता था। जगदीश प्रसाद गोभी का वजह बढ़ाने की दिशा में नवाचार करना शुरू किया। रासायनिक खाद या कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया बल्कि सिर्फ गोबर से बनी हुई जैविक खाद को अपनाया। इस जैविक खाद को भी पूर्णतया प्राकृतिक तरीके से केंचुओं द्वारा इन्होंने स्वयं ही तैयार किया था। फिर न केवल गोभी बल्कि अन्य सब्जियों में भी इस खाद ने कमाल कर दिखाया।

इतने वजन की हो गई सब्जियां

पारीक के खेत में 15 किलो वजनी गोभी का फूल, 12 किलो वजनी पत्ता गोभी, 7 फुट लंबी तोरई, 1 मीटर लंबा तथा 2 इंच मोटा बैंगन, 86 किलो वजनी कद्दू, 6 फुट लंबी घीया, 3 किलो से 5 किलो तक गोल बैंगन, 250 ग्राम का प्याज, साढ़े तीन फीट लंबी गाजर और एक पेड़ से 150 मिर्ची तक का उत्पादन हो चुका है। सबसे अधिक किस्में फूलगोभी में है तथा इन्होंने अभी तक 8 किलो से लेकर 25 किलो 150 ग्राम तक की फूलगोभी का उत्पादन कर लिया है।

कई राष्ट्रपति के हाथों हो चुके हैं सम्मानित

पारीक ने स्वयं द्वारा निर्मित अजीतगढ़ सलेक्सन बीज से पैदा गोभी पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, एपीजे अब्दुल कलाम, प्रणव मुखर्जी तथा तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित पूर्व राज्यपाल मागर्रेट अल्वा आदि को भेंट की है। अपने निरंतर प्रयोग तथा कार्यों के प्रोत्साहन स्वरुप इन्हें वर्ष 2000 में श्रृष्टि सम्मान तथा वर्ष 2001 में फर्स्ट नेशनल ग्रास रूट इनोवेशन अवार्ड मिल चुका है।

वर्ष 2001 में ही 15 किलो की गोभी उत्पादन के लिए इनका नाम लिम्का बुक में दर्ज हो चुका है। पारीक अब तक छह बार राष्ट्रपति भवन के कार्यक्रमों में शिरकत कर चुके हैं तथा सबसे वजनी गोभी के फूल के विश्व रिकॉर्ड में दूसरे पायदान पर हैं। जगदीश प्रसाद विश्व रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए जैविक खेती से 25 किलो 150 ग्राम वजनी गोभी का एक फूल उत्पादित कर चुके हैं।