इलेक्ट्रिक वाहनों की सुरक्षा को लेकर उठा यह गंभीर सवाल, अब इन कंपनियों पर आएगी मुसीबत

कई योजनाओं के जरिए केन्द्र सरकार फेम-2 समेत इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की पुरजोर कोशिशों में जुटी हुई है लेकिन ऐसा नहीं लगता है कि सुरक्षा के लिहाज से इलेक्ट्रिक गाड़ियां 100 प्रतिशत सुरक्षित हैं हाल के दिनों में इलेक्ट्रिक कारों में आग लगने के कई मुद्दे सामने आए हैं, जिनके बाद इनमें सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से

ह्यूंदै कोना में लग चुकी है आग : हाल ही में हिंदुस्तान में लॉन्च हुई लॉन्ग रेंज वाली प्योर इलेक्ट्रिक एसयूवी ह्यूंदै कोना में आग लग गई हालांकि आग लगने की यह घटना 26 जुलाई को कनाडा के मॉन्ट्रियल में ली-बिजार्ड में हुई थी बताया जा रहा है कि यह आग कार चार्जिंग के दौरान लगी थी, जिसके बाद बेहद सुरक्षित माने जाने वाली इलेक्ट्रिक कारों की विश्वसनियता पर सवाल खड़े हो गए हालांकि इस वर्ष में ही इलेक्ट्रिक कार में आग लगने का यह पहला मुद्दा नहीं है

टेस्ला मॉडल एस इलेक्ट्रिक कार में लगी आग : इससे पहले 21 अप्रैल को इलेक्ट्रिक कारें बनाने वाली संसार की प्रसिद्ध कंपनी टेस्ला मोटर्स की मॉडल एस इलेक्ट्रिक कार में आग लगी थी कार उस वक्त शंघाई के एक पार्किंग लॉट में खड़ी थी सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दे रहा था कि कार में आकस्मित आग लगनी प्रारम्भ हो गई  तुरंत ही चारों तरफ फैल गई वहीं इससे पहले कैलिफोर्निया के लॉस गैटोस के पार्किंग लॉट में खड़ी नयी टेस्ला मॉडल एस ने आकस्मित आग पकड़ ली जिसके बाद कार को खींच कर बाहर ले जाया गया, लेकिन कार सुलगती रही

कार तीन दिनों तक जलती रही : टेस्ला की कारों में आग लगने की यह पहली घटना नहीं है बल्कि कई ऐसे मुद्दे सामने आ चुके हैं हालांकि इन कारों में आग लगने की ज्यादातर घटनाएं सड़क हादसों के बाद सामने आईं हालांकि अकेले टेस्ला की कारों में ही आग नहीं लगी है, बल्कि अमेजन प्राइम के लिए द ग्रैंड टूर सीरीज के दूसरे सीजन की शूटिंग के दौरान रिचर्ड हैमॉंन्ड की रीमैक कॉन्सैप्ट 1 इलेक्ट्रिक कार में आग लग गई थी, आग इतनी जबरदस्त लगी थी कि कार तीन दिनों तक जलती रही

लिथियम-आयन बैटरी पर पानी डालना खतरनाक : पेट्रोल या डीजल से चलने वाली कारों में आग लगने पर उसे सरलता से बुझाया जा सकता है, जैसे ही कार का ईधन समाप्त होता है, आग धीमी पड़ने लगती है लेकिन लिथियम-आयन बैटरी से चलने वाली कारों के साथ ऐसा नहीं है क्योंकि आग की लपटें बुझने के बाद भी, बैटरी में ऊर्जा बाकी रहती है स्पार्किंग होती रहती है, जिससे कार फिर से आग पकड़ लेती है वहीं अगर बैटरी लगी कार पर पानी डाला जाए, तो शॉर्ट सर्किट होने की आसार रहती है खुद अग्निशमन दल के लोगों का मानना है कि शॉर्ट सर्किट से आग  तेजी से फैलती है वहीं बैटरी में भी रासायनिक तत्वों का प्रयोग होता है, जो जल्द ही आग पकड़ लेते हैं

गलत चार्जर के प्रयोग से लग सकती है आग : विशेषज्ञों का बोलना है कि Smart Phone में भी लिथियम-आयन बैटरियों का प्रयोग होता है  लगातार इनमें भी आग लगने के कई मुद्दे सामने आए हैं यहां तक लैपटॉप्स भी इससे अछूते नहीं हैं इलेक्ट्रिक कारों में भी लिथियम-आयन बैटरी की प्रयोग होता है  अगर ये ज्यादा गर्म हो जाएं तो इनके फटने या आग लगने का खतरा होता है वहीं गलत चार्जर का प्रयोग भी इनमें आग लगने की वजह बनता है

लिथियम में लगी आग बुझाना कठिन : वहीं हाल ही में हिंदुस्तान रत्न पुरस्कार से सम्मानित वैज्ञानिक सीएनआर राव का बोलना है कि लीथियम ऑयन बैटरी की स्थान सोडियम या मैग्नीशियम बैटरी का प्रयोग किया जाए उनका बोलना है कि आने वाले वक्त में लीथियम की शॉर्टेज होने वाली है जिससे आने वाले वक्त में हमारी चाइना पर निर्भरता बढ़ेगीउन्होंने बोला कि अगर लिथियम आग पकड़ लेता है, तो बुझाना कठिन है उन्होंने बताया कि एक ऑस्ट्रेलियाई ने एक शहर को बिजली देने के लिए एक फुटबॉल फील्ड-आकार की लीथियम बैटरी बनाई है, लेकिन अगर इसमें आग लग जाए, तो इसे बुझाना कठिन होगा वहीं अगर सोडियम में आग लगती है, तो इसे बुझाना संभव है

जल्द आएंगी सोडियम बैटरियां : वैज्ञानिक सीएनआर राव ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही सोडियम बैटरी मार्केट में आएंगी उन्होंने बोला कि सभी के पास लीथियम-कोबाल्ट बैटरी हैं, लेकिन लीथियम के भंडार हैं कहां? लीथियम केवल एक फैक्टरी से आता है, वहीं कोबाल्ट कांगो से आता है चाइना ने कांगो पर अतिक्रमण पर कर लिया है चीनियों के पास अविश्वसनीय दूरदर्शिता है आधे से ज्यादा अफ्रीका चाइना के नियंत्रण में है, वहीं हिंदुस्तान को भी कोबाल्ट की खानें मिलनी चाहिए उनका यह भी बोलना है कि हीलियम जल्द ही दुर्लभ हो जाएगा, उन्होंने याद दिलाया कि आंध्र प्रदेश के गुंटूर में एक सूर्य ग्रहण के दौरान कैसे जूलुस जैनसेन ने इसकी खोज की थी