इन फिल्मों से अक्षय ने किया सरकार के स्वच्छता अभियान के मिशन को सपोर्ट

अक्षय कुमार पिछले कुछ वर्षों से लगातार ऐसे कार्य करते आ रहे हैं, जो समाज  देशहित से जुड़े हैं. चाहे वो हिंदुस्तान के वीर एप के ज़रिए जवानों के परिवारों की मदद हो या समाज से जुड़े मुद्दों पर बनाई गयी फ़िल्में. अक्षय पीएम नरेंद्र मोदी के क़रीबी भी माने जाते हैं. अक्षय ने टॉयलेट एक प्रेम कथा जैसी फ़िल्म बनाकर सरकार के स्वच्छता अभियान के मिशन को सपोर्ट किया तो पैडमैन के ज़रिए माहवारी के दौरान स्त्रियों को स्वच्छता का संदेश दिया.

देखने वाले अक्षय की इन फ़िल्मों  सामाजिक कार्यों को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के समर्थन से जोड़कर देखते रहे हैं  इसके लिए उनके पीछे पड़े रहते हैं. उनकी विदेशी नागरिकता का मामला उठाकर उन्हें ट्रोल किया जाता रहा है.अक्षय ने इस मामले पर अपनी बात रखने के लिए सोशल मीडिया में एक स्टेटमेंट जारी किया था, जिसके बाद वेटरन एक्टर अनुपम खेर कुमार के सपोर्ट में आगे आये हैं. अनुपम ने अक्षय को ऐसे लोगों को नज़रअंदाज़ करने की सलाह दी है, जो देश के लिए उनकी वफ़ादारी को लेकर टीका-टिप्पणी कर रहे हैं.

अनुपम ने ट्वीट में लिखा है- प्रिय अक्षय कुमार, पढ़ रहा हूं कि तुम कुछ ख़ास लोगों के सामने देश के लिए अपनी वफ़ादारी पर सफ़ाई दे रहे हो. मत करो. ऐसे लोगों का कार्य ही यह है कि मेरे  तुम्हारे जैसे लोग जब देश हित की बात करें तो हम पर आक्रमण करें. तुम कार्य करने वाले इंसान हो. तुम्हें किसी को सफ़ाई देने की ज़रूरत नहीं है.

अक्षय की नागरिकता का मामला काफ़ी समय से चर्चा में है. पिछले दिनों जब मुंबई में लोक सभा चुनाव के लिए मतदान हुआ तो सोशल मीडिया में ऐसे कमेंट्स की बाढ़ आ गयी थी, जिनमें अक्षय कुमार की मतदान के बाद की तस्वीर की मांग की जा रही थी, क्योंकि बॉलीवुड के तक़रीबन सभी स्टार्स की मतदान वाली फोटोज़ सोशल मीडिया में वायरल हो रही थीं.एक इवेंट में रिपोर्टर ने जब अक्षय कुमार से मतदान से ग़ैरहाज़िर रहने की वजह पूछी तो उन्होंने कोई जवाब दिये बिना उसे चलता कर दिया. इस टकराव को ठंडा ना होता देख अक्षय ने ट्विटर पर एक स्टेटमेंट जारी करके अपनी बात रखी.

स्टेटमेंट में बोला गया- ”मेरी नागरिकता को लेकर जो अनचाही  निगेटिव बातें की जा रही हैं, वो मेरी समझ में नहीं आतीं. मैं ना कभी यह छिपाया है  ना ही कभी इंकार किया है कि मेरे पास कैनेडियन पासपोर्ट है. यह भी हकीकत है कि मैंने पिछले 7 वर्षों से कनाडा का दौरा नहीं किया है. मैं हिंदुस्तान में कार्य करता हूं  यहीं अपने सारे कर भरता हूं. इन सालों के दौरान, मुझे हिंदुस्तान के लिए अपना प्यार साबित करने की कभी ज़रूरत महसूस नहीं हुई थी, मुझे यह जानकर निराशा होती है कि मेरी नागरिकता के मामले को लगातार विवादों में घसीटा जाता है. यह एक ऐसा विषय है जो निजी, क़ानूनी, ग़ैर राजनैतिक  दूसरों के मतलब का नहीं है. मैं आगे भी उन सभी कामों में अपना सहयोग करता रहूंगा, जिनमें मेरा यक़ीन है  हिंदुस्तान को मजबूत करता रहूंगा.

दिलचस्प बात यह है कि 2017 में अक्षय ने टॉयलेट एक प्रेम कथा के प्रमोशंस के दौरान एक चैनल को बताया था कि कनाडा सरकार ने उन्हें ऑनरेरी सिटिज़नशिप दी हुई है, मगर जब इसकी पड़ताल की गयी तो पता चला कि कनाडा सरकार ने सिर्फ़ 5 लोगों को ऑनरेरी सिटिज़नशिप दी है  अक्षय का नाम उनमें नहीं है.

हाल ही में अक्षय ने जब पीएम नरेंद्र मोदी का ग़ैर राजनैतिक साक्षात्कार किया तो उसका काफ़ी मज़ाक उड़ाया गया. अक्षय ने जिस तरह के सवाल पूछे थे, उसको लेकर भी उनकी ख़ूब खिंंचाई की गयी थी  इसी क्रम में एक बार उनकी नागरिकता को लेकर सवाल किये जाने लगे थे. कुछ ट्वीट्स-