इन खेलों में अपना डंका बजा चुकीं ये महिला, अब बनेगी विधानसभा की MLA

15वीं राजस्थान विधानसभा का पहला सत्र मंगलवार से शुरू हो गया है। कई विधायकों का तो विधानसभा से रिश्ता वर्षों पुराना है, वहीं कई विधायक ऐसे भी हैं, जिन्होंने पहली बार राजस्थान विधानसभा की दहलीज पर कदम रखा है। जानिए ऐसी ही एक विधायक कृष्णा पूनिया के बारे में।

यूं तो राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में 199 (200 में से रामगढ़ विधानसभा सीट पर 28 जनवरी को चुनाव है।) विधायक चुने गए हैं। हम सिर्फ विधायक ​कृष्णा पूनिया का जिक्र इसलिए कर रह हैं, क्योंकि इनका विधानसभा तक पहुंचने का सफर बेहद रोचक और गौरवमयी रहा है।

हरियाणा के अग्रोहा में जन्मीं Krishna Poonia

वर्ष 2018 से पहले तक देशभर में कृष्णा पूनिया को डिस्कस थ्रोअर के रूप में ही पहचाना जाता था, मगर अब ये खिलाड़ी राजस्थान ​के चूरू जिले की राजगढ़ की विधायक भी हैं। 15 मई 1982 को हरियाणा के अग्रोहा के एक जाट किसान परिवार में कृष्णा पूनिया ने जन्म लिया। इनके पिता का डेयरी फार्म हाउस था, जिसमें खुद कृष्णा भी भैंस का दूध निकाला करती थीं।

कॉलेज लाइफ में खेल को चुना

कृष्णा पूनिया की बचपन से ही खेलों में रुचि थी। कॉलेज लाइफ में डिस्कस थ्रो को चुना। यूनिवर्सिटी लेवल की प्रतियोगिताओं में मेडल जीतने लगीं। फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 48 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़कर सुर्खियों में आईं। फिर नेशनल के लिए चुनी गईं और ओलम्पिक तक का सफर तय किया। वर्ष 2004, 2008 व 2012 के ओलम्पिक खेलों में हिस्सा लिया।

पति वीरेन्द्र पूनिया बने कृष्णा के कोच

एक दोस्त की शादी में हरियाणा की इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी कृष्णा पूनिया की मुलाकात राजस्थान के चूरू जिले के राजगढ़ निवासी वीरेन्द्र पूनिया से हुई। दोनों को पहली नजर में ही प्यार हो गया। 24 नवम्बर 1999 को दोनों ने शादी कर ली। शादी के बाद वीरेन्द्र पूनिया को कृष्णा के कोच भी बनने का अवसर मिला। एक साक्षात्कार में दोनों कहा था कि खेल के मैदान पर उनका रिश्ता एक खिलाड़ी और कोच का होता है। घर-परिवार में वे पति-पत्नी। इनके 15 वर्षीय बेटे का नाम लक्ष्यराज है।

पदकों की लगाई झड़ी, मिला पद्मश्री

कृष्णा पूनिया ने डिस्क्स थ्रो में पदकों की झड़ी लगाई। 2006 में दोहा व 2010 में ग्वांगझू एशियाड में कृष्णा ने कांस्य पदक जीता। कॉमनवैल्थ गेम 2010 दिल्ली में कृष्णा ने स्वर्ण पदक पर निशाना साधा। इनके अलावा भी अनेक पदक अपने नाम किए। वर्ष 2011 में कृष्णा पूनिया को पद्मश्री से नवाजा गया।

राजनीति में भी नहीं मानीं हार

खेत और खेल में शानदार पारी के बाद कृष्णा ने राजनीति में आने फैसला लिया और वर्ष 2013 में कांग्रेस ज्वाइन की। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2013 में चूरू जिले की सादुलपुर (राजगढ़) सीट से चुनाव लड़ा। पहली बार में कृष्णा तीसरे स्थान पर रहीं, मगर हार नहीं मानी। राजगढ़ की जनता के बीच में रहीं। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में फिर कांग्रेस ने यहीं से इन पर भरोसा जताया। इस बार कृष्णा ने दर्ज कर अपनी जिंदगी की बतौर विधायक एक नई पारी की शुरुआत की।

लोकतंत्र के मंदिर में मेरा पहला दिन…

Churu Rajgarh MLAकृष्णा पूनिया मंगलवार को राजस्थान विधानसभा पहुंचीं। कोट पेंट पहने कृष्णा की विधानसभा पहुंचने की तस्वीरें सोशल मीडिया में जमकर शेयर की जा रही हैं। खुद कृष्णा ने अपने फेसबुक पेज पर फोटो पोस्ट करते हुए लिखा है कि लोकतंत्र के मन्दिर (विधानसभा राजस्थान) में मेरा पहला दिन। मैं विश्वास दिलाती हूं कि अपना काम ईमानदारी व हर वर्ग के लिए बिना भेदभाव से काम करूंगीं।