इंदौर लोकसभा सीट पर उम्मीदवार को लेकर बीजेपी नहीं ले पाई कोई निर्णय

इंदौर लोकसभा सीट पर उम्मीदवार को लेकर बीजेपी अब भी किसी निर्णायक स्थिति में नहीं पहुंच सकी है. इसी को लेकर लोकसभा अध्यक्ष  सांसद सुमित्रा महाजन ने पीएम नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की. बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में भी इंदौर से बीजेपी प्रत्याशी का निर्णय नहीं हो पाया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार महाजन शुक्रवार को ही इंदौर लौटने वाली थीं लेकिन अब वो रविवार को दिल्ली से वापस जाएंगी.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक सुमित्रा महाजन  कैलाश विजयवर्गीय दोनों की ग्रामीण-शहरी एरिया में समान पकड़ है. संघ  बीजेपी की दोनों वरिष्ठ नेताओं के नामों समान रजामंदी भी थी, लेकिन दोनों ही इस लोकसभा के चुनावी मैदान से हट चुके हैं. पिछले तीन दिनों में इंदौर में प्रत्याशी के रूप में सबसे ज्यादा चर्चा पूर्व आईडीए अध्यक्ष शंकर लालवानी  डॉ उमाशशि शर्मा की रही है. हालांकि इस रेस में शंकर लालवानी आगे बताए जा रहे हैं.

बीजेपी चाहती है कि इस सीट से किसी ऐसे उम्मीदवार को मैदान में उतारा जाए जिसकी इंदौर के अतिरिक्त आसपास के छेत्रों में अच्छी पकड़ हो. इंदौर लोकसभा सीट में कुल साढ़े 23 लाख मतदाता हैं, इसमें महू शामिल नहीं है. राऊ को शहर में मिलाया जाए तो साढ़े 17 लाख वोट शहरी मतदाताओं के हैं, वहीं 6 लाख वोट सांवेर, देपालपुर  राऊ के कुछ हिस्से के हैं.शहरी-ग्रामीण समीकरण में बीजेपी को चिंता यही है कि यदि वह शहरी एरिया से बीजेपी प्रत्याशी उतारती है तो उसे इन साढ़े 6 लाख वोट की भी चिंता है.

इंदौर सीट के लिए बीजेपी में इतने नाम सामने आने के बाद अब कैलाश विजयवर्गीय  सुमित्रा महाजन दोनों ही प्रत्याशी का निर्णय नेतृत्व के ऊपर छोड़ चुके हैं. महाजन की पसंद को लेकर एक धड़ा पहले ही विधानसभा चुनाव का हवाला दे रहा है कि ‘ताई’ की पंसद के चारों उम्मीदवार चुनाव पराजय चुके हैं. दूसरी  विजयवर्गीय इस विषय में पूरी तरह मौन हैं, खासकर इंदौर प्रत्याशी चयन को लेकर. उनका कहना है कि संगठन जल्द फैसला करेगा.