इंडोनेशिया: समुद्र तटों से दूर रहने की दी गई चेतावनी

की सक्रियता को देखते हुए तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को समुद्र तटों से दूर रहने की चेतावनी दी गई है ऐसी संभावना जताई गई है कि  राष्ट्र में शनिवार को आई सुनामी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 281 हो गई है  1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो पुरवो नुगरोहो ने कहा, ‘‘मृतकों की संख्या  नुकसान दोनों में बढ़ोतरी होगी ’’

सुतोपो पुरवो नुगरोहो ने जावा में कहा, “मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान  भूभौतिकीय एजेंसी की ओर से सुझाव हैं कि लोगों को समुद्र तट से दूरी बनाए रखनी चाहिए  वहां किसी तरह की गतिविधियों में संलिप्त नहीं रहना चाहिए ” उन्होंने कहा, “अनाक क्रेकाटोआ ज्वालामुखी के फिर से सक्रिय होने की वजह से फिर से सुनामी आने की आसार है ”

चार्टर विमान से शूट किए गए वीडियो में सुमात्रा  जावा के बीच सुंडा स्ट्रेट में तबाही का मंजर कैद हुआ है राष्ट्रपति जोको विडोडो ने पीड़ितों के प्रति शोक जताते हुए लोगों से धैर्य बनाए रखने का आग्रह किया है सड़कें बाधित होने से बचाव काम बाधित हुआ है पीड़ितों की तलाश में मदद के लिए क्षतिग्रस्त क्षेत्रों में मलबे को हटाने के लिए भारी उपकरण लाए जा रहे हैं

शुक्रवार को ज्वालामुखी दो मिनट  12 सेकेंड के लिए फटा  उससे निकले धुएं का गुबार 400 मीटर तक ऊंचा उठा सुनामी की वजह से बड़ी संख्या में इमारतें नष्ट हो गईं, लहरों में कारें बह गईं, तानजुंग लेसुंग बीच रिसॉर्ट सहित कई लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में पेड़ जड़ से उखड़ गए

सोशल मीडिया पर जारी वीडियो फुटेज में समुद्र की एक बड़ी लहर को एक रिसॉर्ट को तबाह करते देखा जा सकता है इसी रिसॉर्ट में इंडोनेशिया का एक लोकप्रिय रॉक बैंड ‘सेवेंटीन’ परफॉर्म कर रहा था, जो सुनामी में बह गया अधिकारियों का कहना है कि अभी तक किसी विदेशी नागरिक के मरने की समाचार नहीं है

एजेंसी ने बताया कि अनाक क्राकाटोआ या ‘क्राकाटोआ का बच्चा’ ज्वालामुखी के फटने के बाद शनिवार को लोकल समयानुसार रात साढ़े नौ बजे दक्षिणी सुमात्रा  पश्चिमी जावा के पास समुद्र की ऊंची लहरें तटों को लांघती हुई आगे बढ़ीं इससे सैकड़ों मकान नष्ट हो गए लोगों को बचाने के लिए खोज  बचाव अभियान तेज कर दिया गया है

इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान एवं भूभौतिकी एजेंसी के वैज्ञानिकों ने बोला कि अनाक क्राकाटोआ ज्‍वालामुखी के फटने के बाद समुद्र के नीचे मची तीव्र हलचल सुनामी का कारण हो सकता है उन्होंने लहरों के उफान का कारण पूर्णिमा के चंद्रमा को भी बताया अंतर्राष्ट्रीय सुनामी सूचना केन्द्र के अनुसार ज्वालामुखी के फटने से सुनामी की घटना दुर्लभ है संभवत: यह जल की विशाल राशि के आकस्मित विस्थापन या ‘स्लोप फेल्यर’ के चलते हुई होगी