इंडियन आर्मी को मिले इतने अधिकारी, ये है श्रेष्ठ में सर्वश्रेष्ठ 

शभक्ति गीत  तालियों की गड़गड़ाहट के बीच शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में अंतिम पग भरते ही 382 नौजवान इंडियन आर्मी का भाग बन गए.

परेड में 77 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए. परेड की सलामी दक्षिण-पश्चिम कमांड के जनरल अधिकारी कमांडर-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल चेरिश मैथसन ने ली.

इससे पहले छह बजकर 45 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ परेड का आगाज हुआ. परेड में शामिल कंपनियों के सार्जेंट मेजरों ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी स्थान ली. एडवांस कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी अधिकारी कदम बढ़ाते हुए परेड की  उन पर हेलीकॉप्टरों से पुष्प वर्षा की गई.

ये श्रेष्ठ में सर्वश्रेष्ठ 

स्वॉर्ड ऑफ ऑनर  कांस्य : अक्षत राज

स्वर्ण पदक: सुरेंद्र सिंह बिष्ट

रजत पद : कौशलेश कुमार सिन्हा

टीजी सिल्वर : करन सिंह

सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट : शिराद सरबाज (अफगानिस्तान)

चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर : कैरेन कंपनी

कहां के कितने कैडेट पास

यूपी 72

बिहार 46

हरियाणा 40

उत्तराखंड 33

पंजाब 33

महाराष्ट्र 28

राजस्थान 22

हिमाचल 21

दिल्ली 14

मध्य प्रदेश 11

बिहार के कौशलेश बेस्ट कैडेट बने

बिहार गया के कौशलेश कुमार सिन्हा आईएमए के बेस्ट कैडेट्स रहे. उनको आईएमए ने सिल्वर मेडल से नवाजा है. कौशलेश ने बोला कि जब उनका आईएमए के चयन हुआ उसी दौरान आईआईटी में भी चयन हो गया था, लेकिन उन्होंने देश सेवा की राह चुनी. वह कहते हैं कि आईआईटी में जाकर खूब पैसा तो कमा सकते थे, लेकिन वह सम्मान नहीं, जो सेना में मिलता है. कहते हैं कि बचपन में सेना के बारे में कई किताबें पढ़ी  फिल्में भी देखीं. तब से भी सेना में भर्ती होने का इरादा बना लिया था. उनके पिता सुनिल सिन्हा अंबुजा सीमेंट कंपनी में कार्य करते हैं. मां मंजिली देवी गृहणी हैं.

परिवार में पहले अधिकारी बने दौलतपुर के आलोक कुमार 

बिहार के पटना जिले के दौलतपुर गांव निवासी विनय सिंह बेटे आलोक कुमार शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट होकर अधिकारी बन गए. आलोक के बताया कि परिवार में वह इकलौते हैं जिन्होंने सेना में अधिकारी बनने का मुकाम हासिल किया. पीओपी के बाद पीपींग सेरेमनी के दौरान परिजनों ने आलोक के कंधे स्टार लगाए तो वह भी खुशी से झूम उठे. आलोक ने सीबीएसई से 12वीं कक्षा की पढ़ाई के बाद सीधे एनडीए की प्रवेश इम्तिहान पास की  अधिकारी बन गए.

छोटे भाई के बाद बड़ा भाई बना अफसर

पूर्वी चंपारण जिले के पदुमकेट गांव निवासी अभिषेक रंजन भी शनिवार को सेना में अधिकारी बन गए. अभिषेक के छोटे भाई अविनाश रंजन बीते दिसंबर में हुई आईएमए की पासिंग आउट से पासआउट हुए हैं. अभिषेक ने कपूरथला स्थित सैनिक स्कूल से पढ़ाई की  इसके बाद सेना में अधिकारी बने. अभिषेक के पिता राकेश रंजन अध्यापक हैं. अभिषेक के दादा भी सेना की इफेंट्री कोर में रह चुके हैं. वह दोनों पौतों को सेना में अधिकारी बनते देखना चाहते थे. गुरुवार को अभिषेक रंजन पास आउट हुए तो सेना में अधिकारी बड़े भाई अविनाश रंजन को सेल्यूट कर वह गले मिले. इसके बाद अभिषेक के कंधे पर स्टार सजाए गए.

ऑनरेरी कैप्टन का पोता बना लेफ्टिनेंट

बजरा हिसुआ, नवादा, बिहार निवासी सेना में ऑनरेरी कैप्टन पद से रिटायर मनमोहन का पौता रजनीश रंजन शनिवार को आईएमए की पासिंग आउट परेड में अंतिम पग पार कर अधिकारी बन गया. पीओपी के बाद पीपींग सेरेमनी में पिता  परिवार के अन्य लोगों ने उनके कंधे पर स्टार सजाए. रजनीश से बताया कि 12वीं इम्तिहान पास करने के बाद एनडीए के जरिए सीधे सेना में अधिकारी बने.

पिता बिजनेसमैन, बेटा सेना में अफसर

बिहार के औरंगाबाद के कर्मा रोड के निवासी व्यवसायी प्रदीप कुमार के बेटे अभिषेक भी शनिवार को आईएमए से पासआउट हुए. अभिषेक ने बताया कि बचपन से वह सेना में अधिकारी बनना चाहते थे. दसवीं कक्षा के बाद इसके लिए जी जान लगाकर पढ़ाई की. सीबीएसई बोर्ड से 12वीं की इम्तिहान पास करने के बाद एनडीए की इम्तिहान दी  सेना में शामिल हो गए.

किसान का बेटा सेना का अफसर 

आईएमए देहरादून से पास आउट होकर पटना बिहार के नील कमल सेना के अधिकारी बन गए. नीलकमल के पिता भगीरथ प्रसाद किसान हैं. खेती-बाड़ी करके बेटे को अधिकारीबनाया. मां शोभा देवी गृहणी है. नील कमल की पढ़ाई सैनिक स्कूल नालंदा से हुई. इसके बाद एनडीए में चयन हुआ. शनिवार को पिता भगीरथ प्रसाद  मां शोभा देवी ने पीओपी में पहुंचकर बेटे के कंधे पर सितारे लगाए. बेटे की इस कामयाबी से परिजन से उत्साहित हैं.

पिता इंजीनियर, बेटा सेना का अफसर 

भागलपुर बिहार के सुमन कुमार सेना के ऑफिसर बन गए. आईएमए से पास आउट हुए सुमन के पिता वाईपी सिंह पीडब्ल्यूडी में इंजीनियर हैं. बेटे की चाहत देशा सेवा करने की थी.सेना के प्रति उनका बचपन से ही लगाव रहा  इसमें सफल भी हो गए. मां अंजू देवी गृहणी हैं.