इंटरनेशनल न्यायालय ने जाधव केस की सुनवाई में हिंदुस्तान से कही ये बात

इंटरनेशनल न्यायालय ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में कुलभूषण जाधव केस की सुनवाई में हिंदुस्तान की तरफ से वरिष्‍ठ एडवोकेट हरीश साल्‍वे पेश हुए। उन्‍होंने बोला कि यह मामला विएना संधि का उल्‍लंघन है। उन्‍होंने कहा, “जाधव को बिना काउंसलर की सुविधा के लगातार कस्‍टडी में रखा गया है। इसको अवैध करार दिया जाना चाहिए। ” इसके साथ ही उन्‍होंने बोला कि इसमें कोई संदेह नहीं कि पाकिस्‍तान इसको एक प्रोपैंगेडा के हथियार के रूप में इस्‍तेमाल कर रहा है। पाकिस्‍तान को अविलंब जाधव को काउंसर की सुविधा प्रदान करनी चाहिए क्‍योंकि वह ऐसा करने के लिए बाध्‍य है।

उन्‍होंने बोला कि 30 मार्च, 2016 को हिंदुस्तान ने जाधव को काउंसलर सुविधा दिलाने का आग्रह पाकिस्‍तान से किया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उसके बाद अलग-अलग तारीखों में 13 बार इस तरह का आग्रह हिंदुस्तान की तरफ से किया जा चुका है।

अंतरराष्ट्रीय न्याय न्यायालय (आईसीजे) में सोमवार से प्रारम्भ हो रही चार दिवसीय सार्वजनिक सुनवाई में हिंदुस्तान व पाक जिरह अपना-अपना पक्ष रखेंगे। जाधव को पाक की सैन्य न्यायालय ने जासूसी के आरोप में सज़ा-ए-मौत सुनाई है। हिंदुस्तान ने बोला है कि जाधव बेगुनाह हैं।

विएना संधि का उल्‍लंघन
हिंदुस्तान 48 वर्षीय जाधव को पाकिस्तानी सैन्य न्यायालय द्वारा ”हास्यास्पद मुकदमे” में सुनाई गई सजा के विरूद्ध मई 2017 में आईसीजे गया था। इंडियन नौसेना के सेवानिवृत्त ऑफिसर जाधव को पाक की सैन्य न्यायालय ने जासूसी व आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में सज़ा-ए-मौत सुनाई थी। हिंदुस्तान ने आठ मई 2017 को आईसीजे से संपर्क कर बोला था कि पाक ने जाधव तक राजनयिक संबंधी पहुंच से बार-बार मना कर राजनयिक रिश्तों से संबंधित 1963 की विएना संधि का ”घोर उल्लंघन” किया है।

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अंतर्राष्ट्रीय विवादों को निपटाने के लिए स्थापित आईसीजे की 10 सदस्यीय पीठ ने 18 मई 2017 को मामले का निपटारा होने तक जाधव की सजा पर अमल करने से पाक को रोक दिया था। आईसीजे ने मामले में सार्वजनिक सुनवाई के लिए 18 से 21 फरवरी तक का समय निर्धारित किया है। यह सुनवाई द हेग, नीदरलैंड स्थित पीस पैलेस में हो रही है।

पहले हिंदुस्तान पेश करेगा दलीलें
हिंदुस्तान पहले 18 फरवरी को अपनी दलीलें पेश करेगा। वहीं, पाक को 19 फरवरी को अभिवेदन देने का मौका मिलेगा। इसके बाद 20 फरवरी को हिंदुस्तान उत्तर देगा, जबकि पाक21 फरवरी को अपना समापन अभिवेदन देगा। ऐसी उम्मीद है कि आईसीजे का निर्णय 2019 की गर्मियों में आ सकता है। इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने उल्लेख किया था कि जाधव के अधिकारों की सुरक्षा के लिए हिंदुस्तान सभी कोशिश करने को प्रतिबद्ध है। कुमार ने पिछले हफ्ते नयी दिल्ली में एक सवाल के जवाब में बोला था, ”भारत न्यायालय में अपना मामला रखेगा। ”

पाकिस्‍तान
पाक के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर आईसीजे में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे, जबकि दक्षिण एशिया मामलों के महानिदेशक मोहम्मद फैसल विदेश विभाग के पक्ष का नेतृत्व करेंगे। सुनवाई से पहले पाक के एक वरिष्ठ ऑफिसर ने बोला कि उनका राष्ट्र जाधव के मामले में आईसीजे के निर्णय को क्रियान्वित करने को लेकर कटिबद्ध है।

पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने जाधव को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से तीन मार्च 2016 को तब अरैस्ट किया था जब उन्होंने ईरान से प्रवेश किया था। वहीं, हिंदुस्तान का कहना है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया जहां वह सेवानिवृत्ति के बाद व्यवसाय करने गए थे। जाधव को सजा सुनाए जाने पर हिंदुस्तान ने तीखी रिएक्शन जाहीर की थी।

पाकिस्तान ने आईसीजे में जाधव तक राजनयिक पहुंच के हिंदुस्तान के आग्रह को खारिज कर दिया था व दावा किया था कि हिंदुस्तान अपने ”जासूस” द्वारा एकत्र गई सूचना तक पहुंच बनाना चाहता है। हालांकि, पाक ने 25 दिसंबर 2017 को इस्लामाबाद में जाधव से उनकी मां व पत्नी की मुलाकात कराई थी। आईसीजे में यह सुनवाई ऐसे समय में हो रही है जब चार दिन पहले जम्मू व कश्मीर में हुए भीषण आतंकवादी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे।