केंद्र गवर्नमेंट द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) के मुताबिक दिल्ली का ओवरऑल एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) सोमवार को 362 मापा गया।
सोमवार प्रातः काल दिल्ली में हल्की ठंड ने दस्तक दी है। सुबह-सुबह दिल्ली के आसमान पर धुंध की हल्की चादर देखने को मिली। लोधी रोड में सोमवार प्रातः काल 7:50 बजे प्रदूषक तत्व पीएम 10 का स्तर 225 मापा गया। वहीं पीएम 2.5 का स्तर 342 मापा गया। इसके अतिरिक्त दिल्ली यूनिवर्सिटी में पीएम 10 का स्तर 222 व पीएम 2.5 का स्तर 325 मापा गया।
वहीं दिल्ली के पीतमपुरा इलाके में पीएम 10 का स्तर 269 मापा गया। साथ ही पीएम 2.5 का स्तर 368 मापा गया। इसके अतिरिक्त इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 3 पर पीएम 10 का स्तर सोमवार को 277 मापा गया व पीएम 2.5 का स्तर 350 मापा गया।
इसके अतिरिक्त दिल्ली के मथुरा रोड पर पीएम 10 का स्तर 312 मापा गया। यहां पीएम 2.5 का 399 मापा गया। इसके अतिरिक्त सोमवार को दिल्ली से सटे नोएडा में पीएम 10 का स्तर 285 मापा गया है। इसके साथ ही पीएम 2.5 का स्तर 341 मापा गया है। बता दें कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को पारा गिरने के साथ व बेकार हो रही है। तापमान गिरने की वजह से प्रदूषकों के छितरने की गति कम हो जाती है। उधर, अधिकारियों ने आगह किया कि अगले दो दिनों में प्रदूषण स्तर बढ़ सकता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रविवार को 377 रिकॉर्ड किया था। यह करीब 20 दिनों में प्रदूषण का सबसे ज्यादा स्तर था।सीपीसीबी के आंकड़े बताते हैं कि रविवार को एनसीआर, गाजियाबाद, नोएडा व फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ रही थी।
बता दें कि एक्यूआई अगर 201 से 300 है तो उसे ‘खराब’ माना जाता है, जबकि 301 से 400 के बीच होने पर ‘बहुत खराब’ व 401 से 500 के बीच होने पर ‘गंभीर’ माना जाता है।
केंद्र की वायु गुणवत्ता व मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) ने बोला कि दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता अगले दो दिन में व बेकार हो सकती है। सफर ने बोला कि हवा रूक गई है वप्रदूषकों का छितराव कम हुआ है। पश्चिमी विक्षोभ हवा में नमी लाकर व हवा को भारी बनाकर दिल्ली की वायु गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। अगले दो दिन में तापमान में गिरावट हो सकती है व मध्यम स्तर का कोहरा छा सकता है जिससे प्रदूषण बढ़ने की संभावना है। सफर ने बोला कि बुधवार को बारिश के संभावना हैं व अगर पर्याप्त मात्रा में बारिश होती है तो वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।