आम चुनाव से पहले, सातवें आसमान पर पंहुचा सोने का दाम, क्या हैं तेजी के कारण?

रुपए की कमजोरी, शेयर बाजार में गिरावट का रुख और शादियों के चलते हाजिर बाजार में सोने की मजबूत खरीदारी, ये कई ऐसे कारण हैं जो सोने की कीमतों में उछाल के संकेत दे रहे हैं. दिल्ली हाजिर बाजार में सोना बुधवार को 34,450 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव पर बिक रहा है. इसी महीने सोने की कीमतें 34,500 रुपए का स्तर छू चुकी हैं. यह अगस्त, 2013 में बने 34,890 के ऊपरी करीब स्तर के करीब है. वायदा बाजार में सोने के भाव 33,420 रुपए (6 फरवरी दोपहर दो बजे) के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं. यानी हाजिर बाजार में सोना वायदा बाजार की तुलना में 1 हजार रुपए प्रीमियम पर बिक रहा है. मार्केट एक्सपर्ट सोने की कीमतें आगामी लोकसभा चुनाव से पहले 35,000 के पार निकलने की संभावना जता रहे हैं. 

एक्सपर्ट का नजरिया

केडिया कमोडिटीज के प्रबंध निदेशक अजय केडिया कहते हैं, “घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई ऐसे संकेत बन रहे हैं, जिनके बल पर सोने की कीमतों के आगामी आम चुनाव से पहले 35,000 का स्तर पार कर सकती हैं.” अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के भाव 11 महीने की ऊंचाई पर है. वहीं भारतीय बाजार में सोने के भाव अगस्त, 2013 के करीब हैं. केडिया आगे कहते हैं, “बीते तीन-चार साल में सोने ने निवेशकों को बेहतर रिटर्न नहीं दिए हैं. लेकिन बीते तीन से चार महीनों में 11 फीसदी से ज्यादा का उछाल आ चुका है. ऐसे में निवेशकों का रुझान बढ़ा तो साल के दौरान सोना 36,500 का स्तर छू सकता है.”

क्या हैं तेजी के कारण?

• अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर और घरेलू बाजार में रुपए की कमजोरी सोने की कीमतों को बल दे रही है. सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से चूक सकती है. ऐसी संभावना के चलते रुपया 71 – 72 रुपए प्रति डॉलर के करीब कारोबार कर रहा है. शेयर बाजार भी इस उलझन से बेचैन है और निवेशक शेयर बाजार से पैसा निकालकर सुरक्षित निवेश विकल्प की तरफ रुख कर रहे हैं. यह सोने में तेजी का बड़ा कारण है. रुपए की कमजोरी सोने को और महंगा कर देती है क्योंकि आयात के लिए ज्यादा रुपए खर्च करने होते हैं.

• इस साल शादियों का सीजन मजबूत है. ऐसे में हाजिर बाजार में सोने की खरीदारी को बल मिलेगा. यही कारण है कि हाजिर बाजार में सोना वायदा बाजार की तुलना में 1000 रुपए के प्रीमियम पर बिक रहा है.

• केंद्रीय बैंकों की की ओर से सोने में खरीद के कारण मांग में इजाफा हुआ है. मजबूत मांग सोने की कीमतों को बल देगा. मौजूदा साल में भी आरबीआइ की ओर से अच्छी खरीद देखने को मिली तो सोने के लिए यह सकारात्मक होगा. इसके अलावा ब्रेक्जिट या ट्रेड वॉर जैसी जियो पॉलिटिकल टेंशन सोने की चमक को बढ़ाएंगी.