बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में चेकी अश्मुजी के रहने वाले वानी आतंकवाद का रास्ता छोड़कर 2004 में भारतीय सेना की 162 इंफेंट्री बटालियन (प्रादेशिक सेना) से जुड़े थे. शहीद लांस नायक की पत्नी मेहजबीन ने कहा- वह मुझसे बेहद प्यार करते थे. वह मेरे मार्गदर्शक थे. वह हम सभी को हमेशा अपने आस-पास के लोगों को खुश रखने, लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रोत्साहित करते थे. मेहजबीन ने कहा एक शिक्षक के तौर पर मैं अपने राज्य के लोगों को अच्छा नागरिक बनाने के लिए खुद को समर्पित करती हूं.

गुमराह युवाओं को सही रास्ते पर लाने का संकल्प
शहीद की पत्नी मेहजबीन ने कहा मैंने युवाओं को सही राह पर लाने का संकल्प लिया है और इसके लिए मुझे अपने पति से प्रेरणा मिल रही है. अपने पति की शहादत से गर्वान्वित मेहजबीन कहती हैं ‘एक शिक्षक के तौर पर मैं अपने राज्य के लोगों को अच्छा नागरिक बनाने के लिए खुद को समर्पित करती हूं. मैंने युवाओं को सही राह पर लाने का संकल्प लिया है और इसके लिए मुझे अपने पति से प्रेरणा मिल रही है जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया.