आतंकी संगठन के साथ कोई भी वार्ता गवर्नमेंट द्वारा तय शर्तों के आधार पर की जाएगी: बिपिन रावत

आतंकवादी संगठन तालिबान के साथ वार्ता का पक्ष लेने के एक दिन बाद सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने मीडिया से बात करते हुए बोला है कि यही रुख जम्मू व कश्मीर में नहीं लागू नहीं किया जा सकता जनरल रावत ने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य में आतंकी संगठन के साथ कोई भी वार्ता गवर्नमेंट द्वारा तय शर्तों के आधार पर की जाएगी

सेना प्रमुख ने यह भी बोला कि इमरान खान के पाक का पीएम बनने के बाद जम्मू व कश्मीर सीमा पर हिंदुस्तान के प्रति पाक के आक्रामक रवैये में कोई कमी नहीं आई है उन्होंने बोला है कि, पाकिस्तानी नेता केवल अमन की बात कर रहे हैं  जमीन पर स्थिति में सुधार करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं जनरल रावत ने 15 जनवरी को सेना दिवस से पूर्व आयोजित एक प्रेस बातचीत में बोला है कि कश्मीर में सीमा पर 300 से ज्यादा आतंकी घुसपैठ के फिराक में बैठे हुए हैं, किन्तु हमारे जवान उनके नापाक प्रयासों को नाकाम करने के लिए तैयार हैं उन्होंने बोला है कि, ”सरकार कश्मीर से निपटने के लिए कड़ा  नरम रवैया अपना रही है

उन्होंने आतंकवादी संगठन तालिबान के साथ होने वाली बातचीत में कई राष्ट्रों के शामिल होने का जिक्र करते हुए बोला है, कि हिंदुस्तान को इससे अलग नहीं रहना चाहिए क्योंकि अफगानिस्तान में हिंदुस्तान के ”हित” हैं जनरल रावत ने बोला है कि, ”यही रवैया जम्मू व कश्मीर के लिए लागू नहीं किया जा सकता उन्होंने बोला है कि यह हमारे  हमारे पश्चिमी पड़ोसी राष्ट्र के मध्य एक द्विपक्षीय मुद्दा है, इसमें किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के लिए कोई स्थान नहीं है