जम्मू व कश्मीर में आतंकवादी फंडिंग को लेकर राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) की जाँच का सामना कर रहे अलगाववादी नेताओं मसरत आलम, शब्बीर शाह व आसिया अंद्राबी की न्यायिक हिरासत आज खत्म हो रही है।
तीनों को आज दिल्ली की पटियाला हाउस न्यायालय में पेश किया जाएगा। पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय रूम में ही तीनों आरोपियों से एनआईए की टीम ने भिन्न-भिन्न पूछताछ की थी। वहीं मसरत ने ईद के बाद पूछताछ करने की सिफारिश की थी। लेकिन न्यायालय ने इन्कार कर दिया था। बताते चलेंकि मसरत आलम को एक रैली के दौरान हिंदुस्तान विरोधी नारे व पाकिस्तानी झंडे लहराने के आरोप में हिरासत में लिया गया था।
पिछली सुनवाई में अलावा सत्र न्यायाधीश राकेश सयाल ने तीनों को 10 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। मसरत आलम भट्ट को जम्मू एवं कश्मीर की एक कारागार से दिल्ली लाया गया था। आतंकवादी फंडिंग के एक मुद्दे में एजेंसी इन लोगों से पूछताछ करना चाहती थी। एजेंसी ने कश्मीर घाटी में हिंसा के बाद मई 2017 में मुद्दा पंजीकृत किया था।अब तक एजेंसी ने अलगाववादी नेता आफताब हिलाली शाह ऊर्फ शाहिद-उल-इस्लाम, अयाज अकबर खांडे, फारूक अहमद डार ऊर्फ बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह, राजा मेहराजुद्दीन कलवल व बशीर अहमद भट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला को हिरासत में लिया है।
अल्ताफ अहमद शाह कट्टरपंथी नेता सैयद अली गिलानी का दामाद है, जो जम्मू एवं कश्मीर को पाक में मिलाने की वकालत करता है। शाहिद-उल-इस्लाम फारूक डार का सहयोगी है व खांडेय गिलानी नीत हुर्रियत का प्रवक्ता है। वहीं, कश्मीर व्यापारी जहूर अहमद शाह वटाली को अगस्त 2017 को हिरासत में लिया गया था। एनआईए ने लश्कर ए तैयबा के निर्माणकर्ता हाफिज सईद व हिजबुल मुजाहिद्दीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन समेत 12 लोगों के खिलाफ 18 जनवरी 2018 को आरोपपत्र दाखिल किया था।