हालांकि सोमवार को भी धूप खिली रही, इसके बावजूद धुंध की चादर भी देखने को मिली। केंद्र गवर्नमेंट द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) के अनुसार दिल्ली का ओवरऑल एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) सोमवार को 333 रहा, जो कि ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में आता है। रविवार को यह एक्यूआई 326 था।
दिल्ली के लोधी रोड में सेामवार प्रातः काल 10:23 बजे तक प्रदूषक तत्व पीएम 10 का एक्यूआई 215 व प्रदूषक तत्व 2.5 का स्तर 335 मापा गया। जबकि दिल्ली यूनिवर्सिटी में पीएम 10 का स्तर 239 व पीएम 2.5 का स्तर 339 रहा। इसके अतिरिक्त दिल्ली के पीतमपुरा में सोमवार को प्रदूषक तत्व पीएम 10 का स्तर 250 व पीएम 2.5 का स्तर 356 मापा गया। वहीं चांदनी चौक में पीएम 10 का स्तर 282 व पीएम 2.5 का स्तर 317 रहा। पूसा रोड में पीएम 10 का स्तर 199 व पीएम 2.5 का स्तर 340 रहा।
वायु गुणवत्ता सूचकांक में शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को ‘‘अच्छा’’, 51 से 100 तक ‘‘संतोषजनक’’, 101 से 200 तक ‘‘मध्यम और सामान्य’’, 201 से 300 के स्तर को ‘‘खराब’’, 301 से 400 के स्तर को ‘‘अत्यंत खराब’’ व 401 से 500 के स्तर को ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में रखा जाता है। सफर ने रविवार को एक रिपोर्ट में बोला था कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेकार व बेहद बेकार श्रेणी के बीच झूल रही है व अगले दो दिनों में इसके बेहद बेकार श्रेणी में रहने की संभावना है।
रिपोर्ट में बोला गया है, ‘‘प्रदूषक तत्वों के तितरबितर होने के लिए हवा की गति बहुत ज्यादा अच्छी है। पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई लेकिन इसका ना के बराबर प्रभाव पड़ा है।’’ दिल्ली में बारिश के बाद प्रदूषक तत्वों के कम होने के बाद बुधवार व गुरुवार को वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया था लेकिन बारिश ने प्रदूषकों को जकड़े रहने की हवा की क्षमता भी बढ़ा दी।
घर पर रहने की सलाह
मौसम विज्ञानियों व स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दिल्ली के लोगों को इस वायु प्रदूषण से बचने की सलाह दी है। उनका कहना है कि ऐसे प्रदूषण में दिल्ली में रहे लोगों का घरों पर ही रहना सुरक्षित होगा। उन्होंने सलाह दी है कि जब बहुत ही महत्वपूर्ण हो तभी घर से बाहर निकलें।
ये हैं प्रमुख कारण
विशेषज्ञों का मानना है दिल्ली की हवा वाहनों के धुएं व औद्योगिक काम के कारण भी जहरीली हो रही है। साथ ही कोयले, कंडे व लकड़ी का ईंधन के रूप में हो रहा इस्तेमाल भी इसका प्रमुख कारण है। उनका मानना है कि एक बड़ी आबादी इस ईंधन पर निर्भर है, इसलिए प्रदूषण खत्म करने के लिए उनकी ओर ध्यान देना अधिक महत्वपूर्ण है।
नहीं मिली राहत
बता दें कि दिल्ली में बारिश के बाद प्रदूषण से मिली कुछ राहत के बाद शहर की वायु गणवत्ता फिर से बिगड़कर ‘खराब’ व ‘बेहद खराब’ श्रेणी के बीच पहुंच गई है। पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने व बारिश से पैदा नमी के कारण हवा में प्रदूषक तत्वों को धारण करने की क्षमता बढ़ने के कारण भी उसकी गुणवत्ता बेकार हुई है।