आज भी जीवित हैं प्रभु श्रीराम के वंशज, यहाँ रहते है सभी लोग

हम सभी को बचपन से ही भगवान श्री राम के बारे में बताया जाता है क्‍योंकि हम बचपन से सुनते हैं ये तो हम सभी जानते हैं कि भगवान श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था और उनके पिता श्री दशरथ के दो पुत्र और भी थे जिनका नाम था भरत और लक्ष्मण।
बता दें कि भगवान श्री राम को शादी के बाद 14 साल का वनवास दिया गया था,जो कि उनकी सौतेली माता कैकेयी ने दिलवाया था। लेकिन इसी वजह से वो अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ जंगलो में रहे थे। 14 साल के वनवास से लौटने के बाद भगवान राम को फिर से अयोध्या का राजपाठ दिया गया था।
बताते चलें कि राम का जीवनकाल एवं पराक्रम महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत महाकाव्य रामायण के रूप में वर्णित हुआ है। गोस्वामी तुलसीदास ने भी उनके जीवन पर केन्द्रित भक्तिभावपूर्ण सुप्रसिद्ध महाकाव्य श्री रामचरितमानस की रचना की है। विशेष रूप से उत्तर भारत में राम अत्यंत पूज्यनीय हैं और आदर्श पुरुष हैं। इन्हें पुरुषोत्तम शब्द से भी अलंकृत किया जाता है।
हमारा देश धर्म व संस्‍कृति से भरा हुआ है यही कारण है कि यहां पर लोग आज भी धर्म व संस्‍कृति को लेकर चलते हैं। वहीं आपको ये भी बता दें कि लोग कई देवी देवताओं की पूजा कई अनेक रूपों में करते हैं .
जिनमें से एक है मर्यादा पुरूषोतम राम जी हां अगर आप प्राचीन भारत में विस्‍तार से अध्‍ययन करेंगे तो पता चलेगा कि हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु ने दस अवतार लिए थें जिसमें से भगवान राम सातवें अवतार हैं।