ऐसा होता है आयोजन
प्राप्त जानकारी अनुसार बताया जाता है की इसी दिन से संगम में स्नान करने के साथ त्याग-तपस्या का प्रतीक कल्पवास भी प्रारम्भ हो गया है. तीसरा शाही स्नाना मौनी अमावस्या 4 फरवरी 2019 को होगा. बता दें इंडियन संस्कृति व आस्था के महापर्व कुंभ मेले का आयोजन राष्ट्र के 4 प्रमुख शहरों हरिद्वार, प्रयाग, नासिक व उज्जैन में किया जाता है. कुंभ मेले में साधु-संतों से जुड़े 13 अखाड़ों की पेशवाई व पावन तिथियों पर शाही स्नान इस महामेले को व दिव्य व भव्य बनाता है.
जानकारी के लिए बता दें की आस्था के महामेले कुंभ में जब शंकराचार्य की सेना अपने आराध्य संग डुबकी लगाने पहुंचती है तो कुंभ मेले की रौनक बढ़ जाती है. दीन-दुनिया से अमूमन दूर तप-साधना में लीन रहने वाले नागा साधुओं का ज़िंदगी एक आम आदमी के मुकाबले कितना मुश्किल होता है, इस मेले में पहुंचने पर अनुभव होता है. संसार के सबसे बड़े कुंभ मेले जैसा धार्मिक-आध्यात्मिक अनुभव शायद ही कहीं मिले.