आजम खान ने इस एक्ट्रेस के कैरेक्टर पर उठाई उंगली, प्रयोग किया ये आपत्तिजन शब्द

आजम खान ने निशाना साधा है  उनके कैरेक्टर पर उंगली उठाई है कि ”हम बच्चे पढ़ा रहे हैं हमने रं*** खाना नही खोला, न नाच घर खोला है ” आजम खान कहे ”मैं रं*** शब्द का खास तौर पर प्रयोग कर रहा हूं

जान रहे हैं लोग ये लफ्ज कहां जाकर लग रहा है समाज में इस लफ्ज़ को मोहतरम मान लिया जाएगा, तो समाज कैसे तरक्की करेगा  कैसे सर उठाकर चलेगा ” यहां आपने देखा होगा कि हमने आजम खान द्वारा प्रयोग किए शब्दों का पूरी तरह से प्रयोग नहीं किया है, क्योंकि उन्होंने जिन शब्दों का प्रयोग किया है, उन शब्दों को  अपनी समाचार में नहीं दिखा सकता है  वह न ही ज़ी न्यूज की शब्दावली की गरिमा के अनुरूप हैं एक राजनेता  लाखों लोगों का प्रतिनिधि होकर आजम खान ने जिन शब्दों का प्रयोग किया है, वह बेहद आपत्तिजनक  भारतीय सभ्यता की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले हैं

अपने बयान में आजम खान ने आगे बोला कि ”अब शरीफों की इज्जत ऐसे लोग उतारेंगे ऐसे लोग अपने आपको देवी देवता बतायेंगे हमारे मरे हुए मां-बाप 3 दिन तक टेलेविजन पर डिस्कस किये जायेंगे देखा आपने अंजाम क्या हुआ कितना पैसा खर्च हुआ कहते थे कि अगर आजम खान जीत गया तो नाक निकल जाएगी यहां हमने खुद कहते सुना है कि पूरी बीजपी पराजय जाती, लेकिन आजम खान नही जीतता हम इतने बुरे हैं सिर्फ इस लिए की हम बच्चों को पढ़ाते है ”

वहीं झारखंड में हुई मॉब लिंचिंग पर कि लड़के को मारा  मारने वाले ही उसे थाने ले गए थाने ले जाने वालों से यह नहीं पूछा कि वह कौन हैं पुलिस ने उन लोगों से कुछ नहीं पूंछा  न ही उस लड़के को मेडिकल ट्रीटमेंट दी तबरेज को जानबूझकर मारा गया है उसे अस्पताल ले जाने के बजाय पुलिस कस्टडी में रखा गया वह मर गया, क्योंकि उसे मारना ही उनका मकसद था मैं तो बराबर कह रहा हूं की 302 मुल्जिम बरी हो जाता है  307 वाला सजा पाता है, क्योंकि घायल आदमी गवाही तो दे सकता है, लेकिन मरा आदमी कैसे गवाही देगाइसलिए तबरेज की मर्डर कर दी गई इसमें पुलिस की भी जिम्मेदारी उतनी ही है, जितनी उसे पीटने वालों की

एंटी लिंचिंग बिल पर बात करते हुए कि ”अगर इस पर कोई कानून बनेगा तो सारे देश को शर्मिंदा होना पड़ेगा पूरी संसार का जवाब देना पड़ेगा, बहुत सारी ऑर्गेनाइजेशन ने पूछा है यह सब क्या हो रहा है  हम नहीं चाहते कि हमारे वतन की बदनामी हो आप मॉब लिंचिंग ना कहकर इसे रूटीन अपराध कहें किसी शख्स को पकड़ा  मारना प्रारम्भ कर दिया  न तो हत्या करने वाले को पकड़ा  न ही घायल आदमी का उपचार कराया