आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट ने दिया मुंबई में फिर से डांस बार खोलने का आदेश, इस पर बड़ा खुलासा…

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाते हुए मुंबई में डांस बार खोलने की इजाजत दे दी है। इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने डांस बार को लेकर राज्य सरकार के नए नियमों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ डांस बार खोलने की इजाजत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बार में ऑर्केस्ट्रा और टिप देने की अनुमति दी है लेकिन बार के अंदर नोट उड़ाने या सिक्के उछालने की इजाजत नहीं दी है।

अदालत ने कहा कि मुंबई के डांस बार में सीसीटीवी कैमरों की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि ये लोगों की निजता का उल्लंघन है। मुंबई में डांस बार शाम के 6 बजे से रात 11.30 बजे तक खुल सकेंगे। वहीं अदालत ने अपने फैसले में महाराष्ट्र सरकार के कानून में अश्लीलता पर सजा के तीन साल के प्रावधान को मंजूरी दी है। कोर्ट ने कहा है कि मुंबई जैसे शहर में धार्मिक और शैक्षणिक स्थलों से एक किलोमीटर की दूरी पर डांस बार होने के नियम को तर्कसंगत नहीं माना है। इससे पहले पिछले साल 30 अगस्त को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सुप्रीम कोर्ट कहा है कि साल 2005 से सरकार की ओर से एक भी डांस बार को लाइसेंस नहीं दिया गया। नए नियमों को आधार बनाकर डांस बार पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। नियम हो सकते हैं, लेकिन पूरा प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समय के साथ अश्लीलता की परिभाषा भी बदल गई है और ऐसा लग रहा है कि मुंबई में मॉरल पुलिसिंग हो रही है।

सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि नया कानून संवैधानिक दायरे में आता है और यह गैर कानूनी गतिविधियों और महिलाओं का शोषण भी रोकता है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदी को हटा दिया था जिसके बाद सरकार ने नए लाइसेंस देने के लिए नियम और कड़े कर दिए थे।