शुक्रवार को रूस से 5 अरब डॉलर के एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम करार ने हिंदुस्तान की पड़ोसी राष्ट्रों की ओर से मिल चुनौतियों से उपजी सिरदर्दी को समाप्त कर दिया है. इस सिस्टम के जरिए हिंदुस्तान परमाणु क्षमता वाले मिसाइल, ड्रोन व अत्याधुनिक हवाई हमलों को सरलता से नाकाम करने में सक्षम हो जाएगा.
पाक के पास अपग्रेडेड एफ-16 से लैस 20 एयर क्राफ्ट व जे-17 एयर क्राफ्ट के बड़े बेड़े के साथ चाइना की बढ़ी ताकत सामररेक एरिया में हिंदुस्तान की चिंता बढ़ा दी थी. अब एस-400 करार ने एक तरफ जहां हिंदुस्तान को पाक पर सामरिक बढ़त हासिल हुई है. वहीं रूस से पहले ही एस-400 हासिल कर चुके चाइना के साथ हिंदुस्तान शक्ति संतुलन बनाने में सफल हुआ है.
दरअसल एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम संसार का अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम है जो अत्याधुनिक क्रूज-बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ सबसे आधुनिक सबसे फाइटर जेट एफ-35 समेत दूसरे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों को सरलता से मार गिराने में सक्षम है. इस करार के तहत हिंदुस्तान रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की पांच रेजिमेंट हासिल करेगा. जाहिर तौर पर राफेल लड़ाकू विमान सौदे के बाद एस-400 सौदे ने इंडियन वायु सेना को नयी मजबूती दी है.
दुनिया का सबसे आधुनिक सिस्टम
एस-400
संसार का सबसे आधुनिक डिफेंस मिसाइल सिस्टम है
. इसके
अतिरिक्त यह
हिंदुस्तान की ओर से रक्षा के
एरिया में अब तक का सबसे बड़ा करार है
. एस-400, एस-300 का अपग्रेडेड वर्जन है
. चाइना पहले ही रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम हासिल कर चुका है
.
इसलिए जरूरी है सौदा
एस-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों के साथ अत्याधुनिक मिसाइलों को भी मार गिराने में सक्षम है. इस सिस्टम केतहत लड़ाकू विमानों व मिसाइलों को 400 किलोमीटर दूर ही गिरा सकता है. इसके जरिए एक साथ तीन मिसाइलें दागी जा सकती हैं. इसके जरिए एक साथ 36 अत्याधुनिक मिसाइलों को मार गिराया जा सकता है.
अमेरिका की प्रतिबंध की धमकी व दबाव के बावजूद हिंदुस्तान ने रूस के साथ एस-400 करार कर संसार को खुद केरणनीतिक तौर पर स्वतंत्र होने का संदेश दिया है. इस सौदे केजरिए हिंदुस्तान ने साफ कर दिया है कि अमेरिका सहित विभिन्न राष्ट्रों से द्विपक्षीय रिश्तों के इतर वह रणनीतिक रूप से स्वायत्त है. हालांकि यह देखने की बात होगी कि अमेरिका अपनी धमकियों से बेपरवाह हिंदुस्तान के विरूद्ध क्या कदम उठाता है व ऐसी हालात आने पर हिंदुस्तान इसका सामना कैसे करता है.