आईएस में शामिल युवक ने किया परिवार को फोन, कहा ये है ख़्वाहिश 

केरल का रहने वाला 25 वर्ष का युवक जो माना जा रहा है कि इस्लामिक स्टेट के लिए सीरिया में लड़ रहा है, उसने वापस आने की ख़्वाहिश जताई है.
 सीरिया में आतंकवादी संगठन के तथाकथित खलीफा के पतन के बाद वह घर वापस आना चाहता है. उसने अपने परिवार को फोन पर बताया कि सीरिया में उपस्थित आईएस के मेम्बर बहुत गरीबी में हैं  वह खाने के लिए लड़ाई कर रहे हैं.

सूत्रों का बोलना है कि फिरोज उर्फ फिरोज खान केरल के कासरगोड़ के इलामबाची गांव का रहने वाला है. वह उन पंजीकृत नों युवाओं में शामिल है जो आईएस में शामिल होने के लिए जून 2016 में जिले को छोड़कर चले गए थे. जहां समूह के ज्यादातर लोग अफगानिस्तान चले गए वहीं फिरोज अवैध ढंग से सीरिया में घुस गया.

भारतीय एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एक करीबी सम्बन्धी ने कहा, ‘हमें पिछले महीने फिरोज का फोन आया था. उसने अपनी मां हबीबा से बात की  घर वापस आने  सेरेण्डरकरने की ख़्वाहिश जाहिर की. यह फोन तब आया जब अमेरिकी सेनाओं ने सीरिया के खलीफा को मार गिराया. उसने अपनी मां को बताया कि वह बहुत परेशानी, गरीबी मे हैं  खाने के लिए लड़ रहे हैं.

सम्बन्धी के अनुसार फिरोज ने अपने परिवार से बोला कि आईएस ने मलेशिया की एक लड़की के साथ उसकी विवाह करवाई. जिसने बाद में उसे छोड़ दिया. उन्होंने कहा, ‘फिरोज यह जानना चाहता था कि क्या वापस घर आने पर उसे किसी केस का सामना करना पड़ेगा. वह सेरेण्डर करना चाहता है लेकिन यह नहीं बताया कि वह ऐसा कहां करने की योजना बना रहा है. इसके बाद से हमारी उससे कोई बात नहीं हुई.

सुरक्षाबलों के सूत्रों का बोलना है कि उन्हें फोन कॉल की जानकारी है. सूत्रों ने कहा, ‘फिरोज अपने परिवार के सम्पर्क में है. हमें जानकारी थी कि उसने अपने संबंधियों  दोस्तों को आईएस  आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाया था. वह कासरगोड आईएस मॉड्यूल मुद्दे के आरोपियों में से एक है.

खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि कन्नूर जिले के कई युवा इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ने को सीरिया गए थे. पिछले वर्ष कन्नूर के कूडाली के 32 वर्ष के शाहजहां वल्लूवाकंडी को तुर्की से उस समय डिपोर्ट कर दिया गया जब वह सीरिया में घुसने की प्रयास कर रहा था. एक ऑफिसर ने कहा, ‘कन्नूर जिले से लगभग 35 लोग जिसमें महिला भी शामिल है वह सीरिया के लिए रवाना हुए हैं. बहुत से लोग आईएस के लिए लड़ते हुए मारे गए हैं.