आंदोलन खत्म का नाम नहीं ले रहे किसान, अब सरकार करने जा रही ये …

इस नोट में लिखा था किसान आंदोलन से दुखी होकर कई भाइयों ने नौकरी छोड़ी , अपना सम्मान वापस किया। ऐसे में मै अपना शरीर समर्पित कर रहा हूं। जिसके बाद उन्होंने खुद को गोली मार ली।

 

गुलाब सिंह के अनुसार बाबा राम सिंह का अंतिम संस्कार नानक सर सिंगड़ा, करनाल हरियाणा में होगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे शांति बनाकर रखें और ज्यादा से ज्यादा सिमरन करें।

बाबा इस किसान आंदोलन से दुखी थे। खुद को गोली मारने से पहले डायरी में जो उन्होंने जो कुछ भी लिखा उसे पढ़ने के बाद हम यही कह सकते हैं कि किसान आंदोलन में उन्होंने अपनी शहादत दी है।

खबरों के अनुसार सेक्रटरी गुलाब सिंह का कहना हैं कि यह घटना उस वक़्त की है जब उनके भाई मंजीत सिंह उनके नज़दीक नहीं थे। जबकि वह हर वक़्त उनके साथ रहा करते थे। गुलाब सिंह ने आगे बताया कि 8 से 9 दिसंबर को करनाल में बाबा ने अरदास समागम रखा था। इस समागम में कई जत्थे आए थे।

इस समागम में ढेरों किसान शामिल हुए थे। इन किसानों से बात करने के बाद बाबा ने उन्हें 5 लाख रुपए दिए थे। बाबा हर दिन डायरी लिखते थे। गुलाब सिंह ने आगे बताया कि उनका कहना था कि यह दुख देखा नहीं जा रहा। वह अगले दिन फिर से मंच पर जाने की बात कर रहे थे। जिसके लिए वह गाड़ी में बैठे थे। गाड़ी में बैठे बैठे उन्होंने एक नोट लिखा।

घटना के बाद बाबा राम सिंह को तुरंत अस्पताल में भरी कराया गया, लेकिन काफी देर हो चुकी हैं। उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस मामले के बाद बाबा बुड्ढा साहेब जी प्रचारक सभा करनाल के सेक्रटरी गुलाब सिंह ने बताया कि वह साल 1996 से बाबा का शिष्य हैं।

नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। वही किसानों और केंद्र सरकार के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। आंदोलन के बीच उस वक़्त अफरा तफरी मच गई जब आंदोलन के समर्थन में संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।