आंगनबाड़ी केंद्रों में अब बच्चो को मिलेगा ये फायदा, जानिए ऐसे…

देश के आंगनबाड़ी केंद्रों में निबंधित सात से 36 माह के बच्चों में से 25.43 तथा तीन से छह साल के बच्चों में से 24.75 फीसद ही पूरक पोषाहार का फायदाले पा रहे हैं.

जहां तक आंगनबाड़ी केंद्रों पर निबंधित गर्भवती स्त्रियों की बात है, उनमें से 42.87 फीसद स्त्रियों को ही यह फायदा मिल पा रहा है. देश के आकांक्षी जिलों में से चुनिंदा 27 जिलों के हजारों परिवारों के सर्वे में यह खुलासा हुआ है. यह खुलासा नीति आयोग ने किया है. उसने जनवरी से मार्च के बीच यह सर्वे कराया था.

सर्वे में झारखंड के 19 आकांक्षी जिलों में से दो पाकुड़  साहिबगंज को शामिल किया गया था. बच्चों  स्त्रियों की तीनों श्रेणियों में झारखंड के दोनों जिलों के सैकड़ों परिवारों से इस संदर्भ में बात की गई थी, जिसमें यह चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने झारखंड के महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग को इस संदर्भ में लेटर भेजा गया है. आयोग ने पूरक पोषाहार नियमावली के अनुरूप वर्ष में 300 दिनों तक मानकों के अनुरूप संबंधित लाभुकोंं को पोषाहार उपलब्ध कराने का आदेश दिया है.

 

21 दिन की स्थान 12 से 13 दिन ही मिल रहा टीएचआर

देश के कुल आकांक्षी जिलों में से 27 जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों के सर्वे पर आधारित नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पूरक पोषाहार नियमावली के तहत 21 दिनों तक पूरक पोषाहार (टीएचआर) दिए जाने के प्रावधान के खिलाफ महज 12 से 13 दिन तक ही लाभुकों को पोषाहार मिल रहा है. कुल निबंधित गर्भवती स्त्रियों में से 69 फीसद तथा सात से 36 माह के 35 फीसद बच्चों को ही इसका फायदा मिल पा रहा है. टीएचआर का फायदा लेने वालों में 53 फीसद हिंदू, 27 फीसद मुस्लिम तथा 20 फीसद अन्य समुदाय के लाभुक हैं. जहां तक आंगनबाड़ी केंद्रों पर निबंधित एससी, एसटी  ओबीसी की बात है, इस वर्ग के क्रमश: 55, 44 तथा 34 फीसद लाभुकों को टीएचआर मिल रहा है.