असम के पंचायत चुनाव के नतीजे लगातार आ रहे हैं। इनमें भाजपा को सर्वाधिक सफलता मिली है। कांग्रेस पार्टी दूसरे नंबर पर है। इस बीच कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें मतगणना अधिकारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। दरअसल कई मुकाबले बराबरी पर छूटने के कारण ऐसा हुआ।
बराक घाटी के पंचायत चुनावों में कई प्रत्याशियों का मुकाबला बराबरी पर छूटा। बाद में टॉस कर उनकी जीत-हार का निर्णय किया गया। इस तरह टॉस के माध्यम से छह प्रत्याशी जीते हैं। द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक कछार जिले के निर्दलीय प्रत्याशी रंजना बेगम व कांग्रेस पार्टी के इदरजान बोरभुइयां को बराबर 125-125 वोट मिले। उसके बाद मतगणना अधिकारियों ने सिक्का उछालकर उनकी किस्मत का निर्णय किया। टॉस जीतने के बाद नतीजा इदरजान के पक्ष में रहा।
इसी तरह पांच अन्य प्रत्याशियों के टॉस जीतने के बाद नतीजा उनके पक्ष में घोषित किया गया। इनमें से एक आंचलिक पंचायत सदस्य व 4 ग्राम पंचायत सदस्य इस तरह निर्वाचित घोषित किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक एक मतगणना ऑफिसर ने बताया कि प्रत्याशियों ने इस तरह हार-जीत का नतीजा सम्मान के साथ स्वीकार किया।
कांग्रेस से बीजेपी आगे
इसके साथ ही सत्तारूढ़ बीजेपी (भाजपा) ने असम पंचायत चुनाव में अब तक घोषित परिणाम में विपक्षी पार्टी कांग्रेस पार्टी के मुकाबले 50 प्रतिशत ज्यादा सीटें जीती हैं। राज्य चुनाव आयोग के सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। बीजेपी ने गांव पंचायत सदस्य (जीपीएम) की 7,768 सीट, आंचलिक पंचायत सदस्य (एपीएम) की 653 सीट व जिला परिषद सदस्य (जेडपीएम) की 223 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं पार्टी ने अब तक गांव पंचायत अध्यक्ष (जेडपीएम) की 605 सीटों पर जीत हासिल की।
विपक्षी पार्टी कांग्रेस पार्टी ने यहां जीपीएम की 3,948 सीट, एपीएम की 365 सीट, जेडपीएम की 131 सीट व जीपीपी की 293 सीटें जीती है। राज्य में पांच दिसंबर से नौ दिसंबर के बीच 21,990 जीपीएम, 2,199 एपीएम, 420 जेडपीएम व 2,199 जेपीपी चुनने के लिए चुनाव आयोजित किया गया था। बुधवार से ही मतगणना जारी है।