अयोध्या मामले से जुड़े प्रतिवेदनों पर 14 नवंबर को विचार

अयोध्या मामले से जुड़े प्रतिवेदनों पर 14 नवंबर को विचार करने से कुछ दिनों पहले राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने बोला है कि विवादित जगह पर राम मंदिर बनना चाहिए ताकि राष्ट्र का मुसलमान ‘सुकून, सुरक्षा  सम्मान’ के साथ रह सके

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उन्होंने यह भी बोला कि इस मामले में उच्चतम कोर्ट को जल्द निर्णय करना चाहिए ताकि राष्ट्र में शांति  भाईचारा मजबूत हो सके दरअसल, कुछ मुस्लिम संगठनों ने अयोध्या मामले का हवाला देते हुए आयोग के समक्ष प्रतिवेदन दे रखा है  इस मामले में आयोग से पहल करने की मांग की है

अल्पसंख्यक आयोग 14 नवंबर को अपनी मासिक मीटिंग में इन प्रतिवेदनों पर विचार करेगा  फिर राष्ट्र की शीर्ष न्यायालय से अयोध्या मामले पर जल्द निर्णय सुनाने का आग्रह कर सकता है रिजवी ने कहा, ‘‘नेशनल माइनॉरिटी वेलफेयर आर्गनाइजेशन तथा कुछ अन्य संगठनों ने हमारे पास प्रतिवदेन देकर बोला है कि इस वक्त मुस्लिम समाज में भय का माहौल है  ऐसे में आयोग अयोध्या के मामले को लेकर पहल करे ताकि माहौल बेहतर हो सके ’’

उन्होंने कहा, ‘‘इन संगठनों का कहना है कि मुस्लिम समाज राम मंदिर बनने दे तथा आगे यह भी सुनिश्चित किया जाए कि ऐसा कोई दूसरा कोई टकराव खड़ा नहीं होगा ’’

अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मेरी भी यह राय है कि अयोध्या में न कभी मस्जिद बन सकती है, न नमाज हो सकती है वह जगह 100 करोड़ हिंदुओं की भावना से जुड़ा हैइसलिए वह जमीन राम मंदिर के लिए हिंदुओं को सौंप दी जानी चाहिए ताकि मुसलमान सुकून, सुरक्षा  सम्मान के साथ रहे सकें  राष्ट्र के विकास में बराबर की भागीदारी कर सकें ’’

उन्होंने कहा, ‘‘14 नवंबर की मीटिंग में हम इन प्रतिवेदनों पर चर्चा करेंगे यह मामला कोर्ट के विचाराधीन है  ऐसे में आयोग सिर्फ यही आग्रह कर सकता है कि मामले में जल्द निर्णयसुनाया जाए ’’ रिजवी ने कहा, ‘‘इस मामले में मेरा भी यह मानना है कि कोर्ट को जल्द निर्णय सुनाना चाहिए ताकि समाज में शांति  भाईचारा मजबूत हो सके ’’