अमेरिका समेत इन 5 देशों ने चीन पर कसा शिकंजा, दागी मिसाइल…

विदेश मंत्रियों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है, ‘हम संयुक्त घोषणा एवं ‘बेसिक लॉ’ को ध्यान में रखते हुए चीन से जन प्रतिनिधि चुनने के हांगकांग के लोगों के अधिकारों को कम ना करने का आग्रह करते हैं. हांगकांग की स्थिरता एवं समृद्धि की खातिर, यह आवश्यक है कि चीन और हांगकांग के अधिकारी वहां के लोगों की चिंताओं और विचारों को अभिव्यक्त करने वाले माध्यमों का सम्मान करें.’

साथ ही कहा गया है कि चीन की यह कार्रवाई कानूनी रूप से बाध्यकारी और संयुक्त राष्ट्र में पंजीकृत, चीन-ब्रिटिश संयुक्त घोषणा के तहत उसके अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का स्पष्ट उल्लंघन है.

इसमें कहा गया है कि यह चीन की उस प्रतिबद्धता का भी उल्लंघन है, जिसमें उसने कहा था कि हांगकांग को उच्च स्तर की स्वायत्तता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार होगा.

इन पांच देशों के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त बयान जारी कर हांगकांग के निर्वाचित जनप्रतिनिधि को अयोग्य करार देने के लिये चीन द्वारा लागू किये गये नये नियम के संबंध में अपनी गंभीर चिंता दोहराई.

हांगकांग में इन दिनों जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इस बीच विदेश मंत्रियों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने एवं सितंबर में होने वाले विधान परिषद चुनाव को स्थगित किये जाने बाद, इस फैसले ने हांगकांग की उच्च स्तर की स्वायत्तता एवं अधिकारों और स्वतंत्रता को कमजोर कर दिया है. इसी को लेकर हांगकांग में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसमें काफी लोगों की मौत भी हो चुकी है. अमेरिका समेत कई देश इसका विरोध कर रहे हैं.

हांगकांग (Hong Kong) के मुद्दे पर अमेरिका (US) की अगुवाई में पांच देशों के एक समूह ने चीन (China) से कहा कि वह ‘जनप्रतिनिधि’ का चुनाव करने के हांगकांग के लोगों के अधिकारों को कम ना करे.

इस समूह में अमेरिका के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड और ​ब्रिटेन शामिल है. उधर अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि चीन के पास अगला दलाई लामा (Dalai Lama) चुनने का कोई अधिकार नहीं है, वह बौद्ध धर्मावलंबियों पर धौंस जमा बंद करे.