अमेरिका पर हुआ ये बड़ा हमला, राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया इस देश का हाथ

इससे पहले, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने शुक्रवार को कहा था कि यह बिल्कुल स्पष्ट हो चुका है कि अमेरिका के खिलाफ सबसे खतरनाक साइबर हमले के पीछे रूस का ही हाथ था.

यह स्पष्ट नहीं है कि हैकर्स क्या चाह रहे थे, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि उनके मंसूबों में परमाणु हथियार से जुड़े रहस्य, उन्नत हथियारों की रूपरेखा, कोविड-19 टीके से संबंधित अनुसंधान और सरकार के प्रमुख नेताओं और बड़े उद्योगपतियों के बारे में जानकारी एकत्र करना शामिल हो सकता है.

पोम्पिओ ने शुक्रवार देर रात एक रेडियो टॉक शो के संचालक मार्क लेविन के साथ साक्षात्कार में कहा था, ‘ मुझे लगता है कि इस मामले में अब हम स्पष्ट रूप से कह सकते हैं कि रूसी लोग ही इस गतिविधि में संलिप्त थे.’

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साइबर हमले के पीछे रूस का हाथ होने की बातों का मजाक उड़ाया और इस हमले को कोई खास तवज्जो नहीं दी. देश की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने सचेत किया है कि इससे सरकारी और निजी नेटवर्कों को ‘गंभीर’ खतरा हो सकता है.

ट्रंप ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘साइबर हैक वास्तविकता के बजाए फर्जी समाचार मीडिया में अधिक बड़ा है. मुझे पूरी जानकारी दी गई है और सब कुछ नियंत्रण में है.’ उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया ‘ चीन का हाथ होने की संभावना पर चर्चा करने को लेकर डरा हुआ’ है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड (US President Donald Trump) ट्रंप जाते-जाते भी अपने पुराने साथियों का बचाव करते दिख रहे हैं. अपने देश पर हुए साइबर हमले (Cyber attack) को लेकर ट्रंप ने रूस (Russia) का बचाव किया है.

उन्होंने साइबर हमले के पीछे रूस के बजाय चीन (China) का हाथ होने का शक जताया है. जबकि अमेरिका के विदेश मंत्री व अन्य शीर्ष अधिकारी इस हमले को रूस की साजिश बता रहे हैं. ट्रंप ने पहली बार शनिवार को इस बारे में सार्वजनिक रूप से टिप्पणी की है.