चीन ने घुमाई इस देश की तरफ की मिसाइल, बिगड़ सकते हालात, आज रात…

एक बयान में उन्होंने बीजिंग से अनुरोध किया कि वह ताइवान पर अपने सैन्य, राजनयिक और आर्थिक दबाव को समाप्त करके लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए ताइवान के प्रतिनिधियों के साथ सार्थक बातचीत करे.

 

उन्होंने कहा, ‘हिंद प्रशांत क्षेत्र में साझा समृद्धि, सुरक्षा और मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए हम मित्रों और सहयोगियों के साथ खड़े हैं.’ प्राइस ने कहा कि अमेरिका जलडमरूमध्य पार के मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान को समर्थन देना जारी रखेगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका ‘थ्री कम्यूनीक्स’, ‘ताइवान रिलेशन्स एक्ट’ और ‘सिक्स एश्योरेंसेज’ में रेखांकित प्रतिबद्धताओं पर कायम है.

प्राइस ने कहा, ‘हम पर्याप्त आत्म-रक्षा क्षमताओं को बरकरार रखने में ताइवान की मदद करेंगे. ताइवान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता दृढ़ है और ताइवान जलडमरूमध्य के आर-पार और क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बनाए रखने में योगदान देने वाली है.

चीन और ताइवान के बीच तनाव को देखते हुए अमेरिका ने ताइवान पर चीनी सेना के दबाव को लेकर गंभीर चिंता जताई और कहा कि इस प्रकार की डराने-धमकाने की रणनीति क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, ‘ताइवान सहित अपने पड़ोसियों को धमकाने के पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) के प्रयासों को लेकर अमेरिका चिंतित है.’