अमेरिका ने चीन को दी ये बड़ी चेतवानी, बिगड़ सकते हालात, किसी भी वक्त शुरू हो सकता…

अपनी तिब्बत नीति पर अमेरिका की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि तिब्बती बौद्ध धार्मिक नेता के चयन, शिक्षा-दीक्षा का मुद्दा पूरी तरह आध्यात्मिक मामला है।
इस पर उचित धार्मिक प्राधिकरण को ही फैसला लेना चाहिए। इसके साथ ही पंद्रहवें दलाई लामा के चयन के बारे में चौदहवें दलाई लामा की इच्छा, उनके लिखित निर्देशों की अहम भूमिका होगी।
साथ ही चौदहवें दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया में चीनी गणराज्य या फिर अन्य सरकार की दखलंदाजी तिब्बत के लोगों और तिब्बती बौद्ध की बुनियादी धार्मिक आजादी का उल्लंघन माना जाएगा।
इसमें चीन का हस्तक्षेप नामंजूर होगा। विधेयक में कहा गया है कि जब तक तिब्बत में आधिकारिक तौर पर अमेरिका का वाणिज्य दूतावास स्थापित नहीं होगा, तब तक चीन का कोई नया वाणिज्य दूतावास अमेरिका में नहीं खुलेगा।

अमेरिकी सीनेट यानी ऊपरी प्रतिनिधि सभा ने तिब्बत नीति और समर्थन विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी है। इसमें कहा गया है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी का फैसला पूरी तरह मौजूदा दलाई लामा के अधिकार क्षेत्र में होगा।