अमेरिका ने संसार की सबसे बड़ी टेलीकॉम उपकरण निर्माता कंपनी हुवावे पर बुधवार को कड़े प्रतिबंध लगा दिए. यूएस के वाणिज्य विभाग ने हुवावे को एनटिटी लिस्ट में डालने की जानकारी दी. इस लिस्ट में शामिल कंपनियां अमेरिकी सरकार की मंजूरी के बिना वहां की कंपनियों से कंपोनेंट (पुर्जे) व तकनीक नहीं खरीद सकती हैं.
- अमेरिका के वाणिज्य सचिव विल्बर रोस ने बोला कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नहीं चाहते कि दूसरे राष्ट्रों की कंपनियां द्वारा अमेरिकी तकनीक के प्रयोग से राष्ट्रीय सुरक्षा वविदेश नीति में सेंधमारी हो.
- अमेरिका के आदेश के मुताबिक वहां की कंपनियां भी उन फर्मों के टेलीकॉम उपकरणों का प्रयोग नहीं कर पाएंगी जिनसे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो. हालांकि इस आदेश में किसी देश या कंपनी का नाम नहीं है. लेकिन, अमेरिका हुवावे के उपकरणों से जासूसी का खतरा बताता रहा है. उसने अपने सहयोगी राष्ट्रों से भी बोला था कि वो 5जी नेटवर्क में हुवावे के नेटवर्क का प्रयोग नहीं करें.
- हुवावे ने अपने उपकरणों से सुरक्षा के खतरे के आरोपों से मना किया है. कंपनी का बोलना है कि वह अमेरिका से वार्ता के जरिए उसकी चिंताएं दूर करने को तैयार है.
- हुवावे पर अमेरिकी प्रतिबंध से यूएस व चाइना के बीच ट्रेड वॉर व तेज होने कि सम्भावना है. अमेरिका ने 10 मई को 200 अरब डॉलर के चाइनीज इंपोर्ट पर शुल्क 10% से बढ़ाकर 25% कर दिया. बदले में चाइना ने 60 अरब डॉलर के अमेरिकी इंपोर्ट पर शुल्क बढ़ाने का निर्णय किया है जो 1 जून से लागू होगा.
- अमेरिका के कहने पर पिछले वर्ष हुवावे की सीएफओ मेंग वांगझू की कनाडा में गिरफ्तारी हुई थी. अभी वो जमानत पर हैं. अमेरिका मेंग के प्रत्यर्पण की प्रयास कर रहा है. हुवावे द्वारा ईरान पर लागू अमेरिकी प्रतिबंध तोड़ने के आरोप में मेंग की गिरफ्तारी हुई थी.