सार्वजनिक किए गए सीक्रेट दस्तावेजों के अनुसार के तत्काल बाद अमेरिका ने अपने गुप्त परमाणु हथियार प्रोग्राम पर अमेरिकी चिंताओं को दरकिनार करने की मांग स्वीकार कर ली थी। की हिमायत की थी।
अमेरिकी विदेश विभाग के सार्वजनिक किए गए इन सीक्रेट दस्तावेजों में यह रहस्योद्घाटन हुआ है कि तत्कालीन पाकिस्तानी तानाशाह जनरल ज़िया-उल-हक व चाइना के उप पीएमदेंग शियोफेंग के विरूद्ध अमेरिका को पाक के समर्थन के बदले में यह मूल्य वसूलने में सफल रहे थे।
अफगानिस्तान को लेकर 1977-1980 के बीच के अमेरिकी विदेश संबंधों पर सार्वजनिक किए गए इन दस्तावेजों के मुताबिक पाकिस्तानी परमाणु हथियार प्रोग्राम पर अमेरिका ने अपनी आँखें मूंद ली थी। इसके अलावा, देंग ने पाक को व भी सैन्य व वित्तीय सहायता देने के लिए भी अमेरिका को मना लिया था।
दस्तावेज इस बात की ओर इशारा करता है कि ज़िया व देंग दोनों ने तत्कालीन कार्टर प्रशासन को बहुत ही सफलतापूर्वक इस बात का यकीन दिला दिया था किकी तत्कालीन गवर्नमेंटसोवियत संघ का समर्थक है। (इनपुटः भाषा)