सोमवार को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से बोला कि अमेरिका की मर्डर में शामिल सभी लोगों को जवाबदेह ठहराएगा। फोन पर हुई विस्तृत वार्तामें दोनों के बीच यमन में चल रहे प्रयत्न पर भी चर्चा हुई।
गौरतलब है कि अमेरिका में रह रहे सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की दो अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में मर्डर कर दी गई थी।सऊदी क्राउन प्रिंस पर मर्डर की साजिश रचने का आरोप है। इस घटना से अमेरिका व सऊदी अरब के बीच दशकों पुराने विषय में तनाव आ गया है। वाशिंगटन पोस्ट के लिए लिखने वाले खशोगी कई चीजों को लेकर सऊदी शासन की आलोचना करते थे।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने एक बयान में बोला कि विदेश मंत्री ने जोर देकर बोला कि अमेरिका जमाल खशोगी की मर्डर में शामिल सभी लोगों को जवाबदेह ठहराएगा व सऊदी अरब को भी ऐसा ही करना चाहिए। शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने पहले बोला था कि खशोगी की मर्डर ‘अंतरराष्ट्रीय कानून के मानदंडों का उल्लंघन करती है’ वअमेरिका इसमें संलिप्त लोगों पर प्रतिबंध लगाने के बारे में विचार कर रहा है।
आपको बता दें कि सऊदी अरब ने इस्तांबुल में अपने वाणिज्य दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की मर्डर के बाद सबूतों को छिपाने के खास मकसद से दो विशेषज्ञों को भेजा था। तुर्की के एक ऑफिसर ने पांच नवंबर को यह बात कही। एक जमाने में सऊदी के शाह परिवार के करीबी रहे व बाद में उनके आलोचक बन गये खशोगी की दो अक्टूबर को इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में मर्डर के एक महीने से कुछ दिन बाद भी तुर्की को अभी तक उनका मृत शरीर नहीं मिल सका है। दावे किये जा रहे हैं कि खशोगी की डेड बॉडी को तेजाब में घोल दिया गया था।
59 वर्षीय पत्रकार की मर्डर ने पश्चिम में सऊदी अरब की छवि को बुरी तरह प्रभावित किया है व शहजादे मोहम्मद बिन सलमान बचाव की मुद्रा में आ गए हैं। तुर्की के एक वरिष्ठ ऑफिसर ने नाम नहीं जाहिर होने की शर्त पर बोला था कि हमारा मानना है कि तुर्की की पुलिस को परिसर की तलाशी की अनुमति देने से पहले जमाल खशोगी की मर्डर के सबूतों को छिपाने के एकमात्र मकसद से दो लोग तुर्की आये थे। ’’
अधिकारी ने सबा अखबार की समाचार की पुष्टि करते हुए बोला कि पिछले महीने हुई मर्डर की जांच करने के लिए सऊदी अरब से भेजे गए दल में रसायन विशेषज्ञ अहमद अब्दुल्ला अजीज अल-जनोबी व विष विज्ञान विशेषज्ञ खालिद याहिया अल जहरानी शामिल हैं। अखबार के अनुसार, सऊदी अरब के दल ने 11 अक्टूबर को यहां पहुंचने के दिन से 17 अक्टूबर तक प्रतिदिन वाणिज्य दूतावास का दौरा किया।