अमित शाह की अध्यक्षता में होगा ये बड़ा काम, महासचिवों की बुलाई मीटिंग

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) आज पार्टी की प्रदेश इकाइयों के प्रमुखों  महासचिवों की एक मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे हैं.

इस मीटिंग में शामिल होने के लिए उमा भारती, दिलीप घोष, वसुंधरा राजे, जेपी नड्डा, भूपेंद्र यादव आदि जैसे नेता पहुंचे हैं. मीटिंग का उद्देश्य पार्टी के संगठनात्मक चुनावों के प्रोग्राम सहित ब्यौरे को अंतिम रूप देना है.संगठनात्मक चुनाव की इस प्रक्रिया के तहत आगे चल कर पार्टी के नये अध्यक्ष का भी चुनाव हो सकेगा.

भाषा को पार्टी के एक नेता ने बताया कि संगठनात्मक चुनाव पूरा होने में कई महीने का वक्त लग सकता है  तब तक शाह इसके अध्यक्ष पद पर बने रह सकते हैं. शाह पीएम नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल वाली सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री हैं. बीजेपी सूत्रों ने बताया कि इस मीटिंग में पार्टी की इकाइयों में बूथ स्तर से ऊपर के संगठनात्मक चुनावों  सदस्यता अभियान के प्रोग्राम पर निर्णय किया जाएगा.

उन्होंने बोला कि इस प्रक्रिया के पूरी होने के बाद ही नये पार्टी अध्यक्ष का चुनाव हो सकेगा, जो अक्टूबर- नवंबर महीने तक जा सकता है. उन्होंने यह भी बोला कि पार्टी का संसदीय बोर्ड (इसकी फैसला लेने वाली शीर्ष संस्था) इस अवधि के लिए एक नये अध्यक्ष को नियुक्त कर सकता है. हालांकि, यह बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि अब शाह इस काम को कैसे जारी रखना चाहते हैं.

सूत्रों ने भाषा को बताया कि बीजेपी शासित तीन राज्यों- हरियाणा, झारखंड  महाराष्ट्र- में विधानसभा चुनाव इस वर्ष के आखिर में होने हैं, ऐसे में पार्टी उन्हें यह जिम्मेदारी निभाते रहने को कह सकती है. राज्यों के महासचिवों (संगठन) के साथ भी शाह की मीटिंग शुक्रवार को होने का प्रोग्राम है. पार्टी प्रमुख के बाद संगठन के प्रभारी महासचिव का बीजेपी में दूसरा सबसे जरूरी पद है, चाहे यह प्रदेश स्तर पर हो या फिर राष्ट्रीय स्तर पर.

गौरतलब है कि बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर शाह का तीन वर्ष का कार्यकाल इस वर्ष की शुरूआत में खत्म हो गया था लेकिन उन्हें इस पद पर बने रहने को बोला गया था. दरअसल,पार्टी ने लोकसभा चुनाव पर ध्यान केंद्रित करने के लिए संगठन चुनाव टाल दिया था. लोकसभा चुनाव में 303 सीटों के साथ बीजेपी को मिली प्रचंड जीत के बाद शाह ने तीन राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए संगठन की तैयारियों पर जोर दिया है  इसके अंदरूनी चुनावों के लिए आधार तैयार किया है. उन्होंने नौ जून को महाराष्ट्र, झारखंड  हरियाणा की पार्टी इकाइयों के कोर ग्रुप के साथ अलग- अलग बैठकें की थीं. इसका उद्देश्य विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में बीजेपी की रणनीति पर चर्चा करना था.